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मुझे सुनाई दी, बोली

मुझसे मेरी आत्मा बोली

पढ़ले पहले तू वेद, पुराण

या कुरान कलमां|

मै बैठा हूँ –

गिरजाघर और मंदिरों में, 

मिल जाएँगी परछाई-

गुरुद्वारों औ मस्जिदों में: 

कण कण में, ख्वाईशो में,

इश्क की फरमाईशो मे

प्यार दिल से करों तो –

मै मिलूंगा सोहणी-महिवाल में 

सच मानो मै मिलूँगा –

हीर-राँझा औ शीरीं फ़रहाद में | 

 

 -लक्ष्मण प्रसाद लडीवाला,जयपुर 

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Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 10, 2012 at 4:15pm

Harfdik dhanyvad sh Prfadeep Kumar Kushwaha ji yah thik kaha aapne prem karne par Gopiyo ne krishanji ko 

prapt kar liya

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 10, 2012 at 12:54pm

jahan prem hoga vahi ishvar hoga. badhai mahoday ji sadar abhivadan ke sath.

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