For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 

कल फिर किसी चट्टान को फोड़ने की कोशिश होगी 
कल फिर किसी ईमान को निचोड़ने की कोशिश होगी 
सूरज तो दिन में हर रोज की तरह दमकेगा 
कल फिर  अँधेरे में सच को मरोड़ने की कोशिश होगी 
एक और बुलंद आव़ाज का शीशा चट्केगा 
कल फिर तिलस्मी वादों से जोड़ने की कोशिश होगी
फूट रहा क्रोध का लावा बनकर हर्दय में जो 
कल फिर उसी सैलाब को मोड़ने की कोशिश होगी 
फिर तमाश्बीन  की तरह बैठे रहेंगे हम 
कल फिर किसी जांबाज को तोड़ने की कोशिश होगी 
(कल आर्मी चीफ जनरल वी के  सिंह का क्या होगा मुझे नहीं पता पर आज मेरे मन में जो संशय उभर रहा है वही उद्दगार आप लोगों से साँझा  कर रही हूँ.)

Views: 567

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 29, 2012 at 2:40pm

 रविन्द्र नाथ जी जब किसी सच बोलने वाले का गला घोंटते हैं तो दिल में बहुत क्रोध की ज्वाला जलती है अब देखिये यह प्रशासन वीके सिंह जी की सच्चाई की कैसे धज्जियें उडाता है उनकी हर बात सच है मैं जानती हूँ जब जन्म तिथि को लेकर उनके मन में कोर्ट जाने का द्वन्द चल रहा था मैंने भी उनके इस कदम का भरपूर समर्थन किया था आज भी पूर्ण समर्थन करती हूँ उन्हें डरना नहीं चाहिए जांबाज सिपाही तो मौत से भी नहीं डरते 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 29, 2012 at 2:29pm

jee haan seema ji yahi to durbhaagya hai is desh ka ki sach bolne vaale ko hi katghare me khada kar dete hain taaki aage koi sach bolne ki himmat na kar sake.aage aage dekhiye VK singh ji ka ye prashasan kya hashra karti hai ...jab ki vk singh ji ki baaten shar akshar satya hain yeh main janti hoon.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 29, 2012 at 1:57pm

Hareesh ji hardik dhanyavaad.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on March 29, 2012 at 1:56pm

Dr,Ajay kumar ji bahut abhar aapka mere uddgaron ko samajhne aur sarahna karne ke liye.

Comment by Harish Bhatt on March 29, 2012 at 1:27pm
आदरणीय राजेश जी सादर प्रणाम,
वर्तमान हालात पर सार्थक रचना के लिए हार्दिक बधाई.
Comment by Harish Bhatt on March 29, 2012 at 1:27pm
आदरणीय राजेश जी सादर प्रणाम,
वर्तमान हालात पर सार्थक रचना के लिए हार्दिक बधाई.
Comment by Dr Ajay Kumar Sharma on March 29, 2012 at 12:30pm

वाह ..ज्वलंत , सम सामयिक घटना पर एक कवयित्री का पूर्वान्कलन...

फिर तमाश्बीन  की तरह बैठे रहेंगे हम 
कल फिर किसी जांबाज को तोड़ने की कोशिश होगी
वाह मज़ा आ गया ..बधाई राजेश कुमारी जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
yesterday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Sunday
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय Dayaram Methani जी, लघुकथा का बहुत बढ़िया प्रयास हुआ है। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"क्या बात है! ये लघुकथा तो सीधी सादी लगती है, लेकिन अंदर का 'चटाक' इतना जोरदार है कि कान…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service