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नए वर्ष का नूतन गीत

टूटे सुर सब जोड़ बना डालें कोई सुमधुर संगीत

आओ साथी मिलके गाए नए वर्ष का नूतन गीत

 

नव सूरज से मैं ले लूँगा चमकीली आशा किरनें

तुम ले लेना नई रात से ख्वाब सुनहरे जीवन के

उजली धरती नए साल की थोड़ी और सजानी है 

तुम बिखरी उम्मीद बटोरो मैं टुकड़े टूटे मन के 

 

भूल पुरानी ठोकर ढूँढे नई मंजिलें स्वर्णिम जीत

आओ साथी मिलके गाए नए वर्ष का नूतन गीत

 

 

साथ मेरे हो तेरी कोमल फूल सी ऊर्जावान छुअन

मेरे प्रयास तब अपने जीवन में खुशहाली भर देंगे

बहुत रहा है अब न रहेगा वीराना इस उपवन में

फिर मेरे श्रम-वारि बिंदु बंजर हरियाली कर देंगे

 

नए साल में नई ऊंचाई तक पहुचेगी अपनी प्रीत

आओ साथी मिलके गाए नए वर्ष का नूतन गीत

 

................................................ अरुन श्री !

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Comment

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Comment by Abhinav Arun on January 4, 2012 at 4:29pm
वास्तविक अर्थों में नव वर्ष का नूतन गीत इस गान के लिए hardik बधाई shri arun ji !!
Comment by Arun Sri on January 4, 2012 at 10:05am

धन्यवाद सौरभ सर !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 3, 2012 at 9:46pm

ताज़ग़ी से भरे और नयी आशाओं का संचार करते इस गीत के लिये हार्दिक बधाई.

इन पंक्तियों के लिये विशेष बधाई -

 

नव सूरज से मैं ले लूँगा चमकीली आशा किरनें

तुम ले लेना नई रात से ख्वाब सुनहरे जीवन के

उजली धरती नए साल की थोड़ी और सजानी है 

तुम बिखरी उम्मीद बटोरो मैं टुकड़े टूटे मन के 

 

भूल पुरानी ठोकर ढूँढे नई मंजिलें स्वर्णिम जीत

आओ साथी मिलके गाए नए वर्ष का नूतन गीत

 

बहुत अच्छे !! .. .

 

Comment by Arun Sri on January 3, 2012 at 7:17pm

आभारी हूँ गणेश सर ! आपकी सराहना से नई ऊर्जा का संचार हुआ मन में !


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 3, 2012 at 3:16pm

नूतन वर्ष पर पर प्रस्तुत यह समूह गीत बहुत ही खुबसूरत बन पड़ा है, बधाई स्वीकार करे अरुण जी |

कृपया ध्यान दे...

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