For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुम्हे शिकायत है

इस गहरे अँधेरे से ,

पर क्या तुमने कोशिश की

एक दिया जलाने की ?

या मेरे हाथों से हाथ मिलाकर

बनाया कोई सुरक्षा घेरा

कुछ जलते दीयों को

हवा से बचाने के लिए ?

 

नही न ?

 

कोई बात नहीं !

अभी सूखा नही है

समय का फूल !

 

चलो ढूँढे !

समंदर में डूबे सूरज को ,

इकठ्ठा करें

एक मुट्ठी धूप ,

उछाल दें पर्वतों पर ,

घाटियों में भी !

खिला दें

मुरझाते फूलों को !

 

कुछ तो पिघले ,

गुलाब की पंखुड़ियों पर जमी

ओस की बूंदें !

और पहुंचे

नर्म नंगी दूब तक !

 

वो दर्द

जो ठंडी हवाओं ने बढ़ा दिया है

कुछ तो कम हो !

 

 

 

 

..................................... अरुन श्री !

Views: 942

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नादिर ख़ान on November 6, 2012 at 4:08pm

कुछ तो पिघले ,

गुलाब की पंखुड़ियों पर जमी

ओस की बूंदें !

और पहुंचे

नर्म नंगी दूब तक !

 

वो दर्द

जो ठंडी हवाओं ने बढ़ा दिया है

कुछ तो कम हो !

अरुण जी, बहुत ही उम्दा भाव सुंदर रचना ।

Comment by Brij bhushan choubey on January 25, 2012 at 2:27pm

महीने के सर्वश्रेष्ठ रचना  हेतु बहुत बहुत बधाई आपको .....वाकई काफी खुबसूरत रचना है |

Comment by ASHVANI KUMAR SHARMA on January 24, 2012 at 10:43pm

bahut hi satik prashn uthati kavita .....sadhuvad 

Comment by राज लाली बटाला on January 23, 2012 at 9:41pm

महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना का पुरस्कार हेतु हार्दिक बधाई  स्वीकारें ...:)  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 19, 2012 at 12:57pm

bahut sundar kavita likhi hai bahut pasand aai.badhaai.

Comment by Shanno Aggarwal on January 8, 2012 at 2:44am

अरुण जी को हार्दिक बधाई व शुभकामनायें.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 8, 2012 at 12:40am

’एक मुट्ठी धूप’ को इस मंच पर माह की सर्वश्रेष्ठ रचना चयनित होने पर रचनाकार श्री अरुणजी को मेरी हार्दिक बधाइयाँ. 

Comment by satish mapatpuri on January 8, 2012 at 12:30am
OBO पर महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना का पुरस्कार हेतु कोटिश: बधाई. अरुणजी, मैं भी रामगढ़ प्रखंड के मापतपुर का रहनेवाला हूँ , कलानी गाँव मेरे लिए  पूज्य है ............ क्योंकि, यह मेरे खानदानी कुलगुरुजी का गाँव है. मेरे पिताजी स्व. गुलाब चाँद लाल उस एरिया के प्रतिष्ठित व्यक्ति थे
Comment by AjAy Kumar Bohat on January 7, 2012 at 1:58pm

बहुत ही सुंदर अभिव्यक्ति है अरुण जी, बधाई स्वीकार करें...

Comment by Arun Sri on January 6, 2012 at 11:55am

धन्यवाद अतेंद्र जी !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक स्वागत आपका और आपकी इस प्रेरक रचना का आदरणीय सुशील सरना जी। बहुत दिनों बाद आप गोष्ठी में…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"शुक्रिया आदरणीय तेजवीर सिंह जी। रचना पर कोई टिप्पणी नहीं की। मार्गदर्शन प्रदान कीजिएगा न।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आ. भाई मनन जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Saturday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"सीख ...... "पापा ! फिर क्या हुआ" ।  सुशील ने रात को सोने से पहले पापा  की…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आभार आदरणीय तेजवीर जी।"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।बेहतर शीर्षक के बारे में मैं भी सोचता हूं। हां,पुर्जा लिखते हैं।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक आभार आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"हार्दिक बधाई आदरणीय शेख़ शहज़ाद साहब जी।"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। चेताती हुई बढ़िया रचना। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह साहिब। लगता है कि इस बार तात्कालिक…"
Saturday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
" लापरवाही ' आपने कैसी रिपोर्ट निकाली है?डॉक्टर बहुत नाराज हैं।'  ' क्या…"
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-116
"आदाब। उम्दा विषय, कथानक व कथ्य पर उम्दा रचना हेतु हार्दिक बधाई आदरणीय तेजवीर सिंह साहिब। बस आरंभ…"
Friday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service