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ये कैसा व्यापार हुआ,

दुश्मन सारा बाज़ार हुआ |

 

दिल लेकर दिल दे बैठे तो,

क्यूँ जग में हाहाकार हुआ|

 

इश्क़ अजब ही नदी है साहिब

यहाँ जो डूबा सो पार हुआ|

 

दीदों को न भाया तब से कुछ 

जब से उनका दीदार हुआ| 

 

अब दवा इश्क़ की कौन करे 

है हर कोई बीमार हुआ |

 

पहले था काम का "विक्रम" भी 

जो इश्क़ मे है बेकार हुआ|


 

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मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 13, 2011 at 12:08pm

यह कैसा व्यापार हुआ,

२     २ २    २ / २ १ १ २   

दुश्मन अब बाज़ार हुआ |

२    २     २  २ / २ १  १ २

आचार्य जी की टिप्पणी के आलोक में मैंने मतले को ठीक करने का प्रयास किया है, तदनुपरांत बहर २२२२ २११२ को आधार मान कर आगे के शेरों को कसा जा सकता है |

 

विक्रम जी, बहुत ही बढ़िया प्रयास है, एक अच्छी ग़ज़ल कहने की ओर आप प्रयासरत है बहर का ध्यान रखे, गुणी जनों की बातों को मनन करे , आप अच्छा कर सकते है |

वैसे आदमी इश्क में बेकाम भी हो जाता है :-)))))))))))

 

बधाई स्वीकार करे विक्रम जी |

 

Comment by sanjiv verma 'salil' on November 13, 2011 at 9:41am

आत्मीय,

 

आपकी रचना की पंक्तियों का पदभार देखें:

ये कैसा व्यापार हुआ, 

२  २  २    २  २  १  १  २ = १४

दुश्मन सारा बाज़ार हुआ |

२  १  १  २  २  २  २  १ १  २ = १६ 

 

दिल लेकर दिल दे बैठे तो,

१  १   २ १ १  १ १  २  २ २ २  = १६ 

क्यूँ जग में हाहाकार हुआ|

२      १ १  २  २ २ २ १  १ २  = १६ 

 

इश्क़ अजब ही नदी है साहिब

२   १  १ १ १  २   १  २  २ २ १ १ = १७ 

यहाँ जो डूबा सो पार हुआ|

१  १    २  २  २  २  २ १  १ २  = १६ 

 

दीदों को न भाया तब से कुछ

२  २  २   १   २  २  १ १  २  १ १  = १७ 

जब से उनका दीदार हुआ| 

१ १  २  १ १  २  २ २ १  १ २  = १६ 

 

अब दवा इश्क़ की कौन करे 

१ १  १  २  २ १    २    २ १  १  २  = १६

है हर कोई बीमार हुआ |

१ १ १  २  २  २  २ १ १ २  =  १५

 

पहले था काम का "विक्रम" भी 

१ १ २  २  २ १    २      २ १ १    २ = १७ 

जो इश्क़ मे है बेकार हुआ|

२   २ १    २  २  २ २ १  १ २ = १७ 


मुझे गता है कि इन्हें गिनकर या गुनगुनाकर संतुलित कर सकें तो रचना अधिक अच्छी होगी. 'ये' बहुवचन, व्यापार एकवचन - यह एक काव्य दोष है. दोनों का समान वचन होना चाहिए. हिंदी शब्द कोष के अनुसार 'क्यों' शुद्ध है 'क्यूं' अशुद्ध. इश्क के पहले 'काम का' था तो उसका विरुद्धार्थी 'बेकाम' होगा. काम-काजी व्यक्ति इश्क होने पर बेकाम क्यों होगा? तमाम लोग इश्क में मुब्तिला होते हुए भी काम तो करते ही हैं. अन्यथा न लें... यह आपके विचार के लिए लिखा ही जिससे आप बेहतर रच सकें...

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