For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - ग़मों का दौर हूँ मैं

ग़ज़ल - ग़मों का दौर हूँ मैं

ग़मों का दौर हूँ मैं ,

ग़ज़ल है और हूँ मैं |

 

दशहरी गंध तुम हो ,

तुम्हारी बौर हूँ मैं |

 

तेरा हर तिल गिना है ,

नज़र का गौर हूँ मैं |

 

हो तुम सपनीली आँखें ,

उनींदी ठौर हूँ मैं |

 

मुझे सबने सहेजा ,

हाँ अंतिम कौर हूँ मैं |

 

सज़ा बाज़ार में हूँ ,

मगर सिरमौर हूँ मैं |

  

{अभिनव अरुण - मेरा लेखकीय नाम }

Views: 558

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Abhinav Arun on August 5, 2011 at 9:07pm
आभार आशीष जी आपकी अपनत्व भरी टिप्पणी मेरी कलम की सियाही है !!

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 3, 2011 at 10:35pm

इस ग़ज़ल के लिये बधाई..

हम हैं मता-ए-कूचा-ओ-बाज़ार की तरह.. सही है.


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on August 3, 2011 at 9:16pm

मुझे सबने सहेजा ,

हाँ अंतिम कौर हूँ मैं |

 

बहुत ही खुबसूरत ख्यालात अभिनव अरुण जी, अच्छी ग़ज़ल कही है आपने, दशहरी गंध वाला शेर भी बहुत प्यारा है, बधाई कुबूल करे |

 

और हां.....आपने कहा कि...

बहुत कुछ नेट प्रेक्टिस के रूप में भी लिखा - कहा जाता है .. मेरा तो ये कहना है कि हर बड़े शायर का भी हर एक शेर बाकमाल नहीं होता !! फिर यह कोई एक्सक्यूज नहीं बाज़ार में हूँ ...

 

इसका मतलब बहुत प्रयास के बाद भी नहीं निकाल सका :-)

Comment by आशीष यादव on August 3, 2011 at 7:37pm

kuchh bhi ho lekin ye ghazal waakai kamaal ki hai.

isme upasthit she'r swayam me purn hai.

दशहरी गंध तुम हो ,

तुम्हारी बौर हूँ मैं |

ye upma ki kya kahne.

wakai lajwaab hai.

bahut-bahut badhai.

Comment by Abhinav Arun on August 2, 2011 at 9:16am

बहुत कुछ नेट प्रेक्टिस के रूप में भी लिखा - कहा जाता है .. मेरा तो ये कहना है कि हर बड़े शायर का भी हर एक शेर बाकमाल नहीं होता !! फिर यह कोई एक्सक्यूज नहीं बाज़ार में हूँ ...

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . विविध
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post रोला छंद. . . .
"आदरणीय जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय जी सृजन पर आपके मार्गदर्शन का दिल से आभार । सर आपसे अनुरोध है कि जिन भरती शब्दों का आपने…"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को मान देने एवं समीक्षा का दिल से आभार । मार्गदर्शन का दिल से…"
16 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
16 hours ago
Admin posted discussions
yesterday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"बंधुवर सुशील सरना, नमस्कार! 'श्याम' के दोहराव से बचा सकता था, शेष कहूँ तो भाव-प्रकाशन की…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"बंधुवर, नमस्कार ! क्षमा करें, आप ओ बी ओ पर वरिष्ठ रचनाकार हैं, किंतु मेरी व्यक्तिगत रूप से आपसे…"
Monday
Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post लघुकविता
"बंधु, लघु कविता सूक्ष्म काव्य विवरण नहीं, सूत्र काव्य होता है, उदाहरण दूँ तो कह सकता हूँ, रचनाकार…"
Monday
Chetan Prakash commented on Dharmendra Kumar Yadav's blog post ममता का मर्म
"बंधु, नमस्कार, रचना का स्वरूप जान कर ही काव्य का मूल्यांकन , भाव-शिल्प की दृष्टिकोण से सम्भव है,…"
Monday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
"अच्छे दोहे हुए हैं, आदरणीय सरना साहब, बधाई ! किन्तु दोहा-छंद मात्र कलों ( त्रिकल द्विकल आदि का…"
Monday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service