मेरा दिल वो मेरी धड़कन,
उसपे कुरबां मेरा जीवन !
मेरी दौलत मेरी चाहत
ऐ सखी साजन ? न सखी भारत !
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(२)
अंग अंग में मस्ती भर दे
आलिम को दीवाना कर दे
महका देता है वो तन मन
ऐ सखी साजन ? न सखी यौवन !
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(३)
मिले न गर, दुनिया रुक जाए
मिले तो जियरा खूब जलाए !
हो कैसा भी - है अनमोल,
ऐ सखी साजन ? न सखी पट्रोल !
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(४)
कर गुज़रे जो दिल में ठाने,
नर नारी उसके दीवाने !
वो इतिहास का सुंदर पन्ना
ऐ सखी साजन ? न सखी अन्ना !
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(५)
हरिक बेचैनी का सबब है,
उसे किसी की चिंता कब है ?
दुनिया भर के दर्द है देता
ऐ सखी साजन ? न सखी नेता !
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Comment
आपकी सराहना पाकर ह्रदय गदगद हुआ आदरणीय जवाहर लाल सिंह साहिब. सादर आभार.
आदरणीय तिलक राज कपूर जी, सराहना के लिए कोटिश: आभार. "टप्पे" और "माहिया" के बारे में जो आपका आदेश है, उसका बहुत जल्द पालन किया जाएगा गुरुवर. सादर.
आदरणीय रविंदर शाही साहिब, आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुत मायने रखती है. हज़रत अमीर खुसरो और भारतेंदु हरिश्चंदर की यह विधा सच में हमारी मिट्टी से जुडी हुई है. अत: इस मृतप्राय: विधा को दोबारा मेन स्ट्रीम में लाने का श्रेय ओबीओ को ही जाता है. आपको मेरा प्रयास पसंद आया, मेरा श्रम सार्थक हुआ. सादर.
भाई संदीप द्विवेदी जी, ज़र्रा-नवाजी का शुक्रिया.
आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी, मेरी इस अदना सी कोशिश को सराहने के लिए दिल से आभार.
बहुत ही सुन्दर सर..सारी की सारी कह मुकरियाँ ही लाजवाब हैं|मैं अभी इसके विधान के बारे में बहुत कुछ नहीं जानता..किन्तु देखने से ऐसा लगता है की शायद १५/१६/१६/१६ जैसा कुछ चक्कर है|कृपया मार्गदर्शन करे सर|
योगराज सर,
आप कह मुकरियों में ऐसा चमत्कार उत्पन्न करते हैं कि दिल बाग बाग हो जाता है
बहुत कठिन विधा है मैंने एक बार लिखने का प्रयास किया था फिर जो कुछ हुआ वो बताने लायक नहीं है :)))
हर इक बेचैनी का सबब है,
उसे किसी की चिंता कब है ?
दुनिया भर के दर्द है देता
ऐ सखी साजन ? न सखी नेता !\
बहुत ही सुन्दर और मनभावन!
anurodh hai ki ye hit ho gaya hai to is vidha par vishesh jankari dete hue aane vali pidhi ke liye sanrakshit kar diya jaye. dhanyvaad.
aadarniya prabhakar ji. sadar abhivadan. aap apna shreya le rahe hain aur main apna lena chahunga. main sikh paun ya nahi par is ke punah ujagar karne se bahut sathi labhanvit hote dikh rahen hain. marketed by me ke liye aapko meri tarif karni hogi. aapka sneh meri prerna rahega. chatr chaya banaye rakhiyega. bahut darta hoon. kisi ko thes n lage.
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