For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Dharmendra Kumar Yadav's Blog (6)

चाहत

अनिमिष नयनों से

वसुधा को

वह गगन निहारा करता है।

शोख पवन 

छूकर अवनी को

यूँ ही इतराया करता है।

कितना बेबस!

होकर सागर…

Continue

Added by Dharmendra Kumar Yadav on January 17, 2024 at 12:49pm — 1 Comment

कैसे सबका मोल चुकाऊँ?

सूरज किरणें देता जग को

नदिया देती निर्मल पानी।

पालन करती युगों-युगों से

धरती ओढ़ चुनरिया धानी।

शीतल छाया देता तरुवर

प्राणवायु यह पवन सुहानी।

फूल चमन को देते खुशबू

परम सार संतों की बानी।

उऋण हुए गुरु विद्या देकर

निर्धन को धन देकर दानी।

कैसे सबका मोल चुकाऊँ?

दीन अकिंचन मैं अज्ञानी।

हे चंडी! दे वर दे मुझको

रार अगर दुश्मन ने ठानी।

मातृ-भूमि के चरणों पर मैं

अर्पण कर दूँ शीश…

Continue

Added by Dharmendra Kumar Yadav on August 29, 2021 at 2:38pm — 4 Comments

एक सजनिया चली अकेली

संग न कोई सखी सहेली,

रूप छुपाए लाजन से।

एक सजनिया चली अकेली,

मिलने अपने साजन से।

मधुर मिलन की आस सँजोए,

वह जब कदम बढ़ाती है।

जल थल नभ की नीरवता से,

आहट तम की आती है।

चार पहर की कठिन डगरिया,

पर इठलाती नाजन से।

एक सजनिया चली अकेली,

मिलने अपने साजन से।

धवल चाँदनी बिखरी नभ में,

खिली यामिनी धरती पर।

बसंत बहार कहीं मल्हार,

मधुर रागिनी जगती पर।

आतुर हो बढ़ती वह जैसे,

राधा मुरली बाजन से।…

Continue

Added by Dharmendra Kumar Yadav on August 1, 2021 at 2:24pm — 6 Comments

तब जाकर नानी कहलाई

नन्हीं बिटिया जग में आई

बड़ी उदासी घर में छाई!
सब के सब हैं चुपचाप मगर
मैया की छाती भर आई।।

जन्म दिया मैया कहलाई
पर इक बात समझ ना आई
नानी है या कोई मिसरी?
माँ से भी मीठी कहलाई।।

पहले बिटिया बनकर आई
फिर बिटिया को जग में लाई
माँ बनती जब, माँ की बिटिया
तब जाकर नानी कहलाई।।

"मौलिक व अप्रकाशित"

Added by Dharmendra Kumar Yadav on April 26, 2020 at 3:30pm — 3 Comments

भूल गया मैं लिखना कविता

जब से तुमको, देखा सविता।

भूल गया मैं, लिखना कविता।।

भाता मुझको, पैदल चलना।

तुम चाहो, अंबर में उड़ना।

सैर-सपाटा, बँगला-गाड़ी।

फैशन नया, रेशमी साड़ी।

सखियाँ तेरी, इशिता शमिता।

भूल गया मैं, लिखना कविता।।

तुमको प्यारे, गहने जेवर।

नखरे न्यारे, तीखे तेवर।

होकर विह्वल, संयम खोती।

हँसती पल में, पल में रोती।

आँसू बहते, जैसे सरिता।

भूल गया मैं, लिखना कविता।।

नारी धर्म, निभाया तूने।

माँ बनकर,…

Continue

Added by Dharmendra Kumar Yadav on April 14, 2020 at 4:30pm — 1 Comment

इक देश बनाएं सपनों का

सुख-दुख में साथ निभाएं अपनों का |

आओ, इक देश बनाएं सपनों का ||

फसलों पर, ना मौसम की मार पड़े |

कृषि हो उन्नत, ना हों परिवार बड़े |

घर-घर नलका, बिजली, शौचालय हो |

गाँव-गाँव रुग्णालय, विद्यालय हो |

तजि कुरीति, संग धरें नव चलनों का |

आओ, इक गांव बसाएं सपनों का ||

जन-जन को, उपयुक्त रोजगार मिले |

जीवन को, सुरभित स्वच्छ बयार मिले |

सुलभ निवास, सुविधाजनक प्रवास हो |

धवल सादगी का बिखरा प्रकाश हो |

फीकी जो करे चमक, नव…

Continue

Added by Dharmendra Kumar Yadav on April 6, 2020 at 4:00pm — 4 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव ............ सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह ...................... बढ़िया सुझाव ..................... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव .... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव  धन्यवाद अमित जी "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय नादिर खान जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...... हार्दिक बधाई ..... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय तिलक राज कपूर सर, आज आपकी ग़ज़ल का लुत्फ़ ले रहा हूँ. विस्तृत चर्चा कल ...... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीया ऋचा यादव जी, इस शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय जैफ जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. वरिष्ठ जनों के  सुझाओं पर ध्यानकर्षण निवेदित…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार ... सादर "
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service