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मनोज अहसास's Blog – December 2022 Archive (1)

अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास

2122  2122   2122   212

कौन सी मंज़िल पे ये रस्ता नया ले जाएगा।

मुझको लगता है ये मेरा हौसला ले जाएगा।

ऐ फरेबी वक़्त मुझको हर सितम तेरा कुबूल,

मेरी साँसों से अधिक तू मेरा क्या ले जाएगा।

ये अँधेरा युग तो इक दिन बीत जाएगा मगर,

कीमती मौसम हमारी उम्र का ले जाएगा।

इससे पहले वक़्त अपनी चाल चल दे डाकिये,

उससे कहना मेरे होने का पता ले जाएगा।

टूट जाएगा मेरी उम्मीद का सच जानकर,

मेरी ग़ज़लों को कुरेदा तो…

Continue

Added by मनोज अहसास on December 26, 2022 at 12:15am — 11 Comments

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