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Dr Ajay Kumar Sharma's Blog – December 2011 Archive (4)

नया साल

शुभकामनाएं लिए

आ गया

नया साल

क्या हुआ है

हसरतों का हाल

कुछ शिकवे हैं

तुमको हमसे

हमको तुमसे

कुछ सतह…
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Added by Dr Ajay Kumar Sharma on December 31, 2011 at 1:12pm — 5 Comments

तू वो ही है ना !

तू  वो  ही  है  ना !

जो  मेरे  लात  मारने  पर

सहज  ही  मुस्कुराती  थी

मेरी रग रग में भी तुरंत

गुदगुदी सी दौड़ जाती थी

ये बात तू जानती थी

मेरी हालत पहचानती थी .

और  मै



बस रहता था इंतज़ार में.

 

तेरे पेट से
बाहर निकालनें के



सोच विचार…

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Added by Dr Ajay Kumar Sharma on December 29, 2011 at 5:11pm — No Comments

बढ़ चल....

पल पल बढ़ चल 

बढ़ चल बढ़ चल....

 

पढ़ कर हर पल, 

चढ़ नभ थल जल. 

 

पल पल बढ़ चल.... 

 

कर कर कर छल 

तन कर मत चल  

मन मन मत जल 

तज मन छल खल  

पल पल बढ़ चल..... 

 

कर पर धन…

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Added by Dr Ajay Kumar Sharma on December 29, 2011 at 11:37am — 1 Comment

आत्मविस्मरण

आत्मविस्मरण

 

विद्युत सी तरंग ,

कम्पन का भूकंप ,

स्पर्श नहीं आग !

मन से तन तक जाग !

सांसों में उच्छ्वास,

एक एहसास ...

 

होश नहीं,

जान बही !

कम्पित होठों की प्यास,

एक एहसास ...

 

हाथों में नर्म बारूद,

बारूद मुख  में,

विस्फोट नस नस में !

बढ़ी प्यास,

एक एहसास ...

 

रिक्तता उभय ओर,     

पूर्णता पे जोर,

साँसों का…

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Added by Dr Ajay Kumar Sharma on December 28, 2011 at 4:32pm — 2 Comments

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