मछली और दाँत
अचानक ! बरसात आती है
सड़क चलती लड़की
भीग जाती है |
एक्वेरियम की छोटी रंगीन
मछली तैर-तैर के
मन रीझ जाती है ||
x x x x x x x x
देखता हूँ टकटकी लगाए
जब तक ना होती ओझल |
“दाना-दाना-दाना-दाना”
उकसाता पुरुष मन चंचल ||
x x x x x x x x x x
बेटी सहसा आ,छेड़ देती बात
हमले से,काँप उठता है गात |
और मैं देखता हूँ छोटी मछली
और बढ़ते हुए बड़े-बड़े दाँत ||
सोमेश कुमार(मौलिक…
ContinueAdded by somesh kumar on June 16, 2017 at 2:48pm — 1 Comment
गाँव जबसे कस्बे - - - -
गाँव जबसे कस्बे
होने लगे |
बीज अर्थों के,रिश्तों में
बोने लगे |
गाँव जबसे कस्बे- - - -
पेपसी,ममोज़ चाऊमीन से
कद बढ़ गया |
सतुआ-घुघुरी-चना-गुड़ से
बौने लगे |
पातियों का संगठन
खतम हो गया
बफ़र का बोझ अकेले ही
ढोने लगे |
गाँव जबसे कस्बे- - - -
पत्तलों कुल्ल्हडो की
खेतियाँ चुक गईं |
थर्माकोल-प्लास्टिक से
खेत बोने लगे…
ContinueAdded by somesh kumar on June 15, 2017 at 9:30am — 3 Comments
लोकतंत्र के दड़बे में
मुर्गी जब से मोर हो गई
सावन ही सावन दिखता है
सब कुछ मनभावन दिखता है |
लोकतंत्र के पिंजड़े में
कौए जब से कैद हो गए
टांय-टांय का टेर लगाते
सब कुछ मनभावन बतलाते |
लोकतन्त्र के फुटपाथों पर
दाना खाता श्वेत कबूतर
बस कूहू-कूहू गाता है
सब मधुर-मधुर बतलाता है |
लोकतन्त्र के हरे पेड़ पर
कठफोड़वा हो गया कारीगर
“अहं-बया” चिल्लाता है
सब कुछ अच्छा बतलाता है…
ContinueAdded by somesh kumar on June 12, 2017 at 9:00am — No Comments
चुग्गा
उस अज़नबी स्त्री की
मटकती पतली कमर पे
पालथी मारकर बैठा है
मेरा जिद्दी मन |
पिंजरे का बुढ़ा तोता
बाहर गिरी हरी मिर्च देख
है बहुत ही प्रसन्न |
x x x x x x x x
पसीना-पसीना पत्नी आती है
मुझपे झ्ल्ल्लाती है
रोती मुनिया बाँह में डाल
मिर्च उठाकर चली जाती है
x x x x x x x x x
तोता मुझे और
मैं तोते को
देखता हूँ |
वो फड़फड़ा कर
पिंजरा हिलाता है…
ContinueAdded by somesh kumar on June 11, 2017 at 11:32am — 2 Comments
एक दो तीन- - - एक दो तीन
फिर अनगिन
मन्डराती रहीं चीलें
घेरा बनाए
आतंक के साएँ में
चिंची-चिंची-चिंची
पंख-विहीन |
एक दो तीन- - -
फुदकी इधर से
फुदकी उधर से
घुस गई झाड़ी में
पंजों के डर से
जिजीविषा थी जिन्दा
करती क्या दीन !
एक दो तीन- - -
झाड़ी में पहले से
कुंडली लगाए
बैठे थे विषदंत
घात लगाए
टूट पड़े उस पे
दंत अनगिन | एक दो तीन- - -
प्राणों को…
ContinueAdded by somesh kumar on June 10, 2017 at 10:14am — 3 Comments
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