For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Sonam Saini
  • Female
  • India
Share on Facebook MySpace

Sonam Saini's Friends

  • arvind ambar
  • Abhishek Kumar Jha Abhi
  • Sumit Naithani
  • D P Mathur
  • sharadindu mukerji
  • Savitri Rathore
  • vijay nikore
  • Arvind Harsal
  • Parveen Malik
  • Manoj Nautiyal
  • aman kumar
  • सूबे सिंह सुजान
  • Ranveer Pratap Singh
  • Ashish Srivastava
  • umeshraghav

Sonam Saini's Groups

 

Sonam Saini's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
UP
Native Place
UP
About me
My name is sonam. My hobbies are writting , painting.....

Sonam Saini's Blog

खेल शब्दो का अजीब नही होता ???

कभी कभी

शब्दो के साथ

खेलने वाले ही

भूल जाते हैं

शब्दो की बाजीगरी

रात-दिन जो

रहते हैं शब्दो के बीच

कभी कभी उनको ही

नही मिलते शब्द

कहने को अपनी बात

जाहिर करने को

अपने जज्बात ....

ऐसा लगता है मानो

रूठ गया हो खुदा भी हमसे 

उनकी ही तरह

जैसे वो रूठे हैं हमसे

सिर्फ कुछ

शब्दो के कारण …

एक ख्याल

बार-बार आता है

मन के छोटे से घर में

कि क्यों नही होता ऐसा

कि जज्बात को …

Continue

Posted on December 5, 2013 at 4:30pm — 17 Comments

क्या पता सावन भी किसी के लिए रोता होगा

देख कर सावन को

आँखे भर आती हैं

क्या पता सावन भी

किसी की याद मे रोता होगा

मेरी ही तरह करता होगा

इंतज़ार किसी का ….

टूट जाने पर वादा

मेरी ही तरह रोता होगा

क्या पता सावन भी

सावन में किसी के लिए

तरसता होगा ………

करके वादा गया होगा कोई

लौट कर आऊंगा उस महीने में

जिसमे बरसात होगी ……

ऐ मेरे चाहने वाले

अब तो तुमसे

बरसात में ही मुलाक़ात होगी

टूटता होगा वादा तो

दिल भी टूट जाता होगा

दर्द के…

Continue

Posted on July 28, 2013 at 11:30am — 7 Comments

तन्हा- तन्हा, चुपके चुपके

 तन्हा- तन्हा, चुपके चुपके 

.

आँखों से आंसू बहते है 
धीरे- धीरे, चुपके से 
सब आंसू दुपट्टा पी लेता है 
कही कोई देख न ले ......
.
कितनी बाते हैं करने को
फिर भी लब सील के बैठी है
दर्द के साये में पलती धड़कन
चुपचाप सी चलती धड़कन
कहीं कोई सुन न ले ........
.
मांगी जब भी सूरज से…
Continue

Posted on July 8, 2013 at 9:30pm — 11 Comments

बारिश की बूंदे

प्यासी धरती पर 

बरसती थी जब 
बारिश की बूंदे 
सोंधी - सोंधी सी खुशबु से 
महक उठता था ......
मेरे घर का आँगन .....
खिल उठते थे बगीचे में 
लगे पेड़ - पोधे .....
और खिल उठता था 
हम सब का मन ......
प्यासी धरती पर 
बरसती थी जब 
बारिश की बूंदे ........
घर के बाहर बहता था वो 
छोटा सा दरिया ......
अक्सर चला करती थी…
Continue

Posted on June 28, 2013 at 1:11pm — 12 Comments

Comment Wall (7 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 5:57pm on November 3, 2012, लतीफ़ ख़ान said…

सोनम  सैनी जी   दुआ ..   ग़ज़ल के लिए आपकी सोच और आपके ख्यालात बहुत उम्दा है ग़ज़ल लिखने के लिए सबसे पहले बहेर की ज़रूरत होती है और बहेर  के वज़न  के हिसाब से ग़ज़ल लिखी जाती है इसके लिए किसी उस्ताद से राबता क़ायम  कीजिये  कोशिश जारी  रखिये ..
आपको मेरी ग़ज़ल पसंद आई उसके लिए तहे दिल से शुक्रिया ..

At 11:43am on October 9, 2012, Deepak Sharma Kuluvi said…

WLECOME SONAM

YOUR SWEET MEMORIES OF COLLEGE DAYS ARE REMARKABLE...KEEP IT UP

& BEST OF LUCK

DEEPAK KULUVI

At 11:22am on October 5, 2012,
सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh
said…

जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ प्रिय सोनम जी 

At 5:10pm on June 22, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

सोनम जी आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आपको ग़ज़ल पसंद आई और आपकी सुंदर प्रतिक्रिया मिली अच्छा लगा।

At 2:32pm on April 17, 2012, Sarita Sinha said…

प्रिय सोनम जी, स्नेह....

देखिये न...दुनिया की बुराइयाँ दूर करने का सब से अच्छा तरीका ये है की दूसरों की जो बात बुरी लगे, उसे खुद न करने की कसम खाएं....सभी लोग ऐसा करें तो दुनिया कितनी सुन्दर हो जाये....so simple
At 8:39pm on April 14, 2012, Admin said…

At 7:41pm on April 12, 2012, Sarita Sinha said…

thanx sonam ji for liking my post....

post ur lovely creations here...........

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. अमीरुद्दीन अमीर साहब जब मलाई लिख दिया गया है यानी किसी प्रोसेस से अलगाव तो हुआ ही है न..दूध…"
21 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, पहलगाम की जघन्य आतंकी घटना पर आपने अच्छे दोहे रचे हैं. उस पर बहुत…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा चतुर्दशी (महाकुंभ)
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, महाकुंभ विषयक दोहों की सार्थक प्रस्तुति के लिए हार्दिक धन्यवाद. एक बात…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"वाह वाह वाह !  आदरणीय सुरेश कल्याण जी,  स्वामी दयानंद सरस्वती जैसे महान व्यक्तित्व को…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"जय हो..  हार्दिक धन्यवाद आदरणीय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,  जिन परिस्थितियों में पहलगाम में आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया, वह…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी left a comment for Shabla Arora
"आपका स्वागत है , आदरणीया Shabla jee"
Monday
Shabla Arora updated their profile
Monday
Shabla Arora is now a member of Open Books Online
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . अपनत्व
"आदरणीय सौरभ जी  आपकी नेक सलाह का शुक्रिया । आपके वक्तव्य से फिर यही निचोड़ निकला कि सरना दोषी ।…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"शुभातिशुभ..  अगले आयोजन की प्रतीक्षा में.. "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-174
"वाह, साधु-साधु ऐसी मुखर परिचर्चा वर्षों बाद किसी आयोजन में संभव हो पायी है, आदरणीय. ऐसी परिचर्चाएँ…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service