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आध्यात्मिक चिंतन Discussions (77)

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Discussions Replies Latest Activity

CONTINUAL MEDITATIVE STATE

A pulmonologist householder asked me for some guidance on meditation since she feels overwhelmed with time pressures and finds it difficul…

Started by vijay nikore

0 Sep 19, 2023

GRATITUDE + SURRENDER = PEACE

Our personal relationship with God begins with the belief that there is God, like a father or mother. When we start depending on this beli…

Started by vijay nikore

3 Sep 12, 2023
Reply by Dr. Vijai Shanker

PAIN .. PRAYER.. AND GRATITUDE … a perspective

                              PAIN .. PRAYER.. AND  GRATITUDE … a perspective   So true. .... sometimes  people come close to you, nay, v…

Started by vijay nikore

2 Oct 4, 2018
Reply by vijay nikore

TIME "IS" and TIME is "NOT"

Time "IS" and Time is "NOT.... this is the greatest philosophic discovery by our sages as well as by scientists like Einstein. Given the…

Started by vijay nikore

0 Oct 4, 2018

गति और प्रगति

197 गति और प्रगतिकहा जाता है कि यह व्यक्त जगत देश, काल और पात्र (अर्थात् टाइम, स्पेस और पर्सन) के अनुसार गतिशील है। अव्यक्त स्थिति में देश,…

Started by Dr T R Sukul

0 Jun 7, 2018

DEVOTION ... HERE AND NOW

                                    An event in life can be life changing. It can steer us towards devotion for God. On the other hand, de…

Started by vijay nikore

1 Sep 2, 2016
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

PROVIDENTIAL UNDERSTANDING

PROVIDENTIAL  UNDERSTANDING Thoughts .. Pure and shimmering Their eloquence rising and uplifting Subtly pervading even subtlety Like air,…

Started by vijay nikore

2 Sep 2, 2016
Reply by vijay nikore

वर्तमान हिन्दू समाज में जातिगत विभीषिका को किस तरह समाप्त किया जासकता है?

वर्तमान हिन्दू समाज में जातिगत विभीषिका को किस तरह समाप्त किया जासकता है?  क्या इस जातिगत भेद-भाव का धार्मिक आधार मनगढ़ंत है? क्या वर्तमान…

Started by SudhenduOjha

5 Aug 21, 2016
Reply by SudhenduOjha

प्रशंसा की चाह: मानसिक बीमारी

प्रशंसा की चाह: मानसिक बीमारी ==================== अपनी प्रशंसा और उसके प्रसार में क्यों लगे रहना चाहिये, किसके लिये अपनी प्रशंसा? ये हरकते…

Started by Dr T R Sukul

0 Aug 12, 2016

विभिन्न धर्मों की उत्पत्ति का कारण

विभिन्न धर्मों की उत्पत्ति का कारण ==================== मानव की जन्मजात भय-मनोविज्ञान ही विभिन्न धर्मों के उद्गम का श्रोत है। विभिन्न प्राक…

Started by Dr T R Sukul

0 Jul 27, 2016

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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर "
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया ....
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . कागज
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर ।  नव वर्ष की हार्दिक…"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .शीत शृंगार
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा से समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी । नववर्ष की…"
8 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . दिन चार
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी ।नववर्ष की हार्दिक बधाई…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . दिन चार
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई।"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .शीत शृंगार
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे रचे हैं। हार्दिक बधाई"
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"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।।"
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