For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अरे बच्चों चलो देखें, नया सर्कस जो आया है।
तमाशों का पिटारा इक वो अपने संग लाया है।

लिये ढोलक चले ठुम-ठुम बँदरिया झूमती-गाती,
चलाता साइकिल भालू सभी के मन को भाया है।

सलामी दे रहा हाथी, तो तोता दागता तोपें,
किसी दमदार ने बाइक को रॉकिट सा उड़ाया है।

गुजर जाती मजे से आग के छल्लों से इक लड़की,
बड़ी हिम्मत भरी उसमें, उसे डर छू न पाया है।

करामातें दिखाते गेंद से जोकर रँगीले नौ,
चलाना बाघ को रिक्शा भला किसने सिखाया है।

लगा मौका मजे ले लो, सुनाना स्कूल में किस्से,
कि कैसे शेर ने करतब दिखा सबको हँसाया है।

(बह्रः १२२२ १२२२ १२२२ १२२२)

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 1018

Replies to This Discussion

Bahot khoob....................

रचना को सराहने के लिये आपका हार्दिक आभार आदरणीय श्याम वर्मा जी

वाह !! 

बहुत खूब अजितेंदु भैया !! बहुत प्यारी गजल लिखी बच्चो के लिए, और सारे कारनामे  सर्कस के पढ़ कर  तो लगा की सर्कस ही होक आई हूँ अभी!

लेकिन एक बात सही कहूँ तो, सर्कस केवल  बच्चो को ही नही लुभाता, बड़े लोग भी इसके दीवाने है !! 

हार्दिक बधाई स्वीकारें !! 

बहुत-बहुत धन्यवाद गीतिका दीदी :)

प्रिय कुमार गौरव जी 

सर्कस के करतबों को खास बच्चों के लिए संजोती सुन्दर गज़ल प्रस्तुति के लिये हार्दिक बधाई.

आपका ह्रदय से धन्यवाद आदरणीया प्राची दीदी.............

मजेदार बाल ग़ज़ल 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

नाथ सोनांचली posted a blog post

कविता (गीत) : नाथ सोनांचली

जब उमड़ते भाव अविरल अश्रु का संसार लेकरतब कहीं कविता उपजती शब्द का आकार लेकरपीर के परिमाप से करके…See More
7 minutes ago
Sushil Sarna posted blog posts
7 minutes ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

दोहे (प्रकृति)

दोहे (प्रकृति)पूजूँ प्रकृति प्रथम पद, पग-पग पर उपकार।अस्थि चर्म की देह मम, पंच तत्त्व का…See More
7 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी,  हार्दिक धन्यवाद प्रशंसा के लिए | गेयता के संबंध में आप सही हैं| "
50 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रदत्त चित्र को बहुत शाब्दिक किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
54 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र को महाकुम्भ से जोड़कर आपने बहुत सुन्दर…"
1 hour ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रभाजी बहुत ही सुन्दर तरीके से हर पद में तुकांतता का ध्यान रखते हुए मनहरण घनाक्षरी की…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"  जी ! आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, मैंने सायास प्रदत्त चित्र को कुम्भ से जोड़ने…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत छंद की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. सादर "
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, मेरे प्रस्तुत कवित्त पर कवित्त में प्रतिक्रिया पाना मेरा सौभाग्य…"
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"  जी ! सादर प्रणाम. "
1 hour ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   लगता न पल एक, शंख कोई फूँक दे तो, सोते  सनातनियों  को, कभी …"
1 hour ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service