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charanjit chandwal `chandan''s Discussions (7)

Discussions Replied To (7) Replies Latest Activity

"2122 1122 1122 22 आँख में रक्खे जो नश्तर नहीं देखे जाते आज भी यार के तेवर नहीं देखे…"

charanjit chandwal `chandan' replied Jun 27, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-60

623 Jun 27, 2015
Reply by वीनस केसरी

"dhanyavaad nilesh ji zarur koshish karunga guni jano kI baat manana mera saubhagy ho…"

charanjit chandwal `chandan' replied Apr 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"शुक्रिया समर साहब आपका  अगर आप मेरी मदद करें तो आसान हो जाए मिस्राए ऊला सुधारने में "

charanjit chandwal `chandan' replied Apr 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"धन्यवाद दिनेश जी मेरा  प्रयास सार्थक हुआ"

charanjit chandwal `chandan' replied Apr 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

"तू है हर क़दम मेरा हमक़दम कोई इस तरह का खयाल देजहां मंज़िलें न नसीब हों उन्हीं रास्तों…"

charanjit chandwal `chandan' replied Apr 25, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-58

328 Apr 25, 2015
Reply by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri

सदस्य टीम प्रबंधन

"मुझको वो मेरे नाम से पहचान तो गया था रब्त मुझसे भी कभी वो मान तो गया आवारगी वही रही…"

charanjit chandwal `chandan' replied Mar 29, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57 में सम्मिलित सभी ग़ज़लों का संकलन( चिन्हित मिसरों के साथ)

34 Apr 3, 2015
Reply by सूबे सिंह सुजान

सदस्य टीम प्रबंधन

"राणा जी एक ग़ज़ल मैने भी पोस्ट की थी इस मुशायरे के लिए पर पता नही क्यों डिसप्ले नही…"

charanjit chandwal `chandan' replied Mar 29, 2015 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-57 में सम्मिलित सभी ग़ज़लों का संकलन( चिन्हित मिसरों के साथ)

34 Apr 3, 2015
Reply by सूबे सिंह सुजान

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Manjeet kaur replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. जयहिंद रायपुरी जी, अभिवादन, खूबसूरत ग़ज़ल की मुबारकबाद स्वीकार कीजिए।"
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"आदरणीय महेंद्र जी, सादर अभिवादन  आपने ग़ज़ल की बारीकी से समीक्षा की, बहुत शुक्रिया। मतले में…"
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"हमको न/गर में गाँव/ खुला याद/ आ गयामानो स्व/यं का भूला/ पता याद/आ गया। आप शायद स्व का वज़्न 2 ले…"
3 hours ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"बहुत शुक्रिया आदरणीय। देखता हूँ क्या बेहतर कर सकता हूँ। आपका बहुत-बहुत आभार।"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय,  श्रद्धेय तिलक राज कपूर साहब, क्षमा करें किन्तु, " मानो स्वयं का भूला पता…"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"समॉं शब्द प्रयोग ठीक नहीं है। "
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हर सिम्त वो है फैला हुआ याद आ गया  ज़ाहिद को मयकदे में ख़ुदा याद आ गया यह शेर पाप का स्थान माने…"
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"तन्हाइयों में रंग-ए-हिना याद आ गया आना था याद क्या मुझे क्या याद आ गया लाजवाब शेर हुआ। गुज़रा हूँ…"
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शानदार शेर हुए। बस दो शेर पर कुछ कहने लायक दिखने से अपने विचार रख रहा हूँ। जो दे गया है मुझको दग़ा…"
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मिसरा दिया जा चुका है। इस कारण तरही मिसरा बाद में बदला गया था। स्वाभाविक है कि यह बात बहुत से…"
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Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"खुशबू सी उसकी लाई हवा याद आ गया, बन के वो शख़्स बाद-ए-सबा याद आ गया। अच्छा शेर हुआ। वो शोख़ सी…"
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"हमको नगर में गाँव खुला याद आ गया मानो स्वयं का भूला पता याद आ गया।१। अच्छा शेर हुआ। तम से घिरे थे…"
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