For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

KALPANA BHATT ('रौनक़')'s Discussions (1,630)

Discussions Replied To (1393) Replies Latest Activity

"दुश्मनी भी जो निभाते थे सलीके से कभीआज के इस दौर में वो ख़ानदानी फिर कहाँइश्क़ का जब र…"

KALPANA BHATT ('रौनक़') replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"जो मिला है वक्त उसको आज ही जी लीजिये ,ये ज़माना फिर कहाँ ये ज़िंदगानी फिर कहाँ।देख वाइ…"

KALPANA BHATT ('रौनक़') replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय हो सकता है मेरे जैसे और भी अनाडी होंगे , क्षमा चाहती हूँ ग़ज़ल ज्यादा नहीं समझत…"

KALPANA BHATT ('रौनक़') replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"सामने हमराज बनकर  वार पीछे से करे लाश कंधों पे उखुव्वत की उठानी फिर कहाँ   वादियों क…"

KALPANA BHATT ('रौनक़') replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"अच्छी ग़ज़ल कही है आपने आदरणीय मुनीश तन्हा जी | हार्दिक बधाई |"

KALPANA BHATT ('रौनक़') replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"बाँचिये मुखड़े,मुख़ालिफ़ हो गया लगता जहाँ,हो गयीं बातें बहुत,कुछ भी अजानी फिर कहाँ।4टूट…"

KALPANA BHATT ('रौनक़') replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने आदरणीय लक्ष्मण धामी जी | हार्दिक बधाई आदरणीय |"

KALPANA BHATT ('रौनक़') replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"छेड ख़ानी तो ज़मीं से कर रहा है आदमी जाएँगी आख़िर बलाएँ आसमानी फिर कहाँ |   आ गया है…"

KALPANA BHATT ('रौनक़') replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय समर भाई जी आपने यहाँ कुछ शब्दों के अर्थ यहाँ लिखे है तो थोड़ी समझ आई कुछ ग़ज़ल क…"

KALPANA BHATT ('रौनक़') replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय राज़ नवादवी जी ग़ज़ल के कुछ अशआर समझ नहीं पायी हूँ , इम्बेसात , आशुफ़्तालब,कज़दहान…"

KALPANA BHATT ('रौनक़') replied Aug 25, 2017 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-86

492 Aug 26, 2017
Reply by Samar kabeer

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
4 hours ago
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
yesterday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service