For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

निलेश बरई (नवाज़िश)'s Discussions (54)

Discussions Replied To (54) Replies Latest Activity

"आ. रिचा जी नमस्कार,बहुत ही उम्दः ग़ज़ल हुई है, बहुत बधाई आपको"

निलेश बरई (नवाज़िश) replied Apr 23, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-130

108 Apr 25, 2021
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"आदरणीय सालिक जी नमस्कार,बहुत ही उम्दः ग़ज़ल कही है आपने बहुत बहुत बधाई इस ग़ज़ल के लिए।"

निलेश बरई (नवाज़िश) replied Apr 23, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-130

108 Apr 25, 2021
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"सुब्ह के जैसे चमक रहे थें देख के तुझको शाम हुए कर के रौशन तेरी दुनिया हम तो माह-ए-तम…"

निलेश बरई (नवाज़िश) replied Apr 23, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-130

108 Apr 25, 2021
Reply by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

"उस्ताद-ए-मोहतरम आदरणीय समर साहब ग़ज़ल को सही दिशा दिखने के लिए बहुत बहुत शुक्रियः आपका "

निलेश बरई (नवाज़िश) replied Mar 26, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-129

330 Mar 27, 2021
Reply by Samar kabeer

"उस्ताद ए मोहतरम आदरणीय समर कबीर जी आदाब ,ग़ज़ल तक आने एवं इस्लाह के लिए आपका बहुत बहुत…"

निलेश बरई (नवाज़िश) replied Mar 26, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-129

330 Mar 27, 2021
Reply by Samar kabeer

"मोहतरमा ऋचा जी  नमस्कार  , बहुत बढ़िया ग़ज़ल कही आपने बहुत बधाई "

निलेश बरई (नवाज़िश) replied Mar 26, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-129

330 Mar 27, 2021
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय अमीरुद्दीन साहब आदाब ,बहुत ही उम्दः ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार करें "

निलेश बरई (नवाज़िश) replied Mar 26, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-129

330 Mar 27, 2021
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय अमीरुद्दीन जी आदाब , मैं इस ग़लती के लिए मुआफ़ी चाहूँगा , अमीरुद्दीन साहब इस मि…"

निलेश बरई (नवाज़िश) replied Mar 26, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-129

330 Mar 27, 2021
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय आज़ी जी प्रणाम , बहुत ही उम्दः ग़ज़ल हुई हार्दिक बधाई "

निलेश बरई (नवाज़िश) replied Mar 26, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-129

330 Mar 27, 2021
Reply by Samar kabeer

"आदरणीय सालिक जी  प्रणाम ,बहुत ही उम्दः ग़ज़ल हुई है , बधाई  स्वीकार करें "

निलेश बरई (नवाज़िश) replied Mar 26, 2021 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-129

330 Mar 27, 2021
Reply by Samar kabeer

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह-मुकरी * प्रश्न नया नित जुड़ता जाए। एक नहीं वह हल कर पाए। थक-हार गया वह खेल जुआ। क्या सखि साजन?…"
42 minutes ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कभी इधर है कभी उधर है भाती कभी न एक डगर है इसने कब किसकी है मानी क्या सखि साजन? नहीं जवानी __ खींच-…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय तमाम जी, आपने भी सर्वथा उचित बातें कीं। मैं अवश्य ही साहित्य को और अच्छे ढंग से पढ़ने का…"
8 hours ago
Aazi Tamaam commented on Aazi Tamaam's blog post तरही ग़ज़ल: इस 'अदालत में ये क़ातिल सच ही फ़रमावेंगे क्या
"आदरणीय सौरभ जी सह सम्मान मैं यह कहना चाहूँगा की आपको साहित्य को और अच्छे से पढ़ने और समझने की…"
10 hours ago
Sushil Sarna replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"कह मुकरियाँ .... जीवन तो है अजब पहेली सपनों से ये हरदम खेली इसको कोई समझ न पाया ऐ सखि साजन? ना सखि…"
11 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"मुकरियाँ +++++++++ (१ ) जीवन में उलझन ही उलझन। दिखता नहीं कहीं अपनापन॥ गया तभी से है सूनापन। क्या…"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"  कह मुकरियां :       (1) क्या बढ़िया सुकून मिलता था शायद  वो  मिजाज…"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"रात दिवस केवल भरमाए। सपनों में भी खूब सताए। उसके कारण पीड़ित मन। क्या सखि साजन! नहीं उलझन। सोच समझ…"
yesterday
Aazi Tamaam posted blog posts
yesterday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"बहुत खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई लक्ष्मण सिंह 'मुसाफिर' साहब! हार्दिक बधाई आपको !"
Thursday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय मिथिलेश भाई, रचनाओं पर आपकी आमद रचनाकर्म के प्रति आश्वस्त करती है.  लिखा-कहा समीचीन और…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आदरणीय सौरभ सर, गाली की रदीफ और ये काफिया। क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस शानदार प्रस्तुति हेतु…"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service