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"शाम  ढले  इस सूने घर  में मेला  लगता है,                        ग़म दर्द विरह के मारो…"

Dr. Sanjay dani replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"ये दिल आपका शुक्रगुज़ार है राना प्रताप जी।"

Dr. Sanjay dani replied Feb 24, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"जीवन क्या है सच  पूछो तो सुन्दर तुहफ़ा दोबारा इसको पाने मेम युग -सा लगता है। बेहतरीन…"

Dr. Sanjay dani replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"सुन्दर अशआर बधाई तपन जी।"

Dr. Sanjay dani replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"अच्छी गज़ल बधाई नेमी चंद जी ।"

Dr. Sanjay dani replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"धन्यवाद दिगंबर नासवा जी।"

Dr. Sanjay dani replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"ऽ अपने अपने ज़ख़्मों को सब सीने आते हैं, शाम ढले इस सूने घर में मेला लगता है। लाज़वाब श…"

Dr. Sanjay dani replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"पुलिस की शह पर पिछवाड़े दिन भर बनती दारू, शाम ढले इस सूने घर में मेला लगता है। ख़ूबसूर…"

Dr. Sanjay dani replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"लूट लिया  दिल जिसने उस पर हमने सब कुछ वार दिया, अब तो फ़र्क नहीं पड़ता युग इसे जीत या…"

Dr. Sanjay dani replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

"हौसला अफ़ज़ाई के लिये  आपका शुक्रगुज़ार हूं गणेश जी।"

Dr. Sanjay dani replied Feb 23, 2011 to "OBO लाइव तरही मुशायरा" अंक-८ ( Now closed )

380 Feb 26, 2011
Reply by वीनस केसरी

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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बधाई स्वीकार करें आदरणीय अच्छी ग़ज़ल हुई गुणीजनों की इस्लाह से और बेहतरीन हो जायेगी"
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Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171
"बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय ग़ज़ल मुकम्मल कराने के लिये सादर बदल के ज़ियादा बेहतर हो रहा है…"
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