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आशीष यादव's Discussions (768)

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"mai to shabdo ko dhundhta rah jata hu ki kin shabdo se aap ki prasansha karu, ap ke…"

आशीष यादव replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आज फिर से आप कि बेहतरीन रचना मिली हमें पढने के लिए| बहुत बहुत बधाई|"

आशीष यादव replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"सावन उठाता है बरखा के मुख से श्यामल मेघों का घूंघट ,और बरखा लजाकर ,सकुचाकर हो जाती ह…"

आशीष यादव replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"कमाल की रचना| कोई चीज कितनी सुन्दर है, अगर कोई इस बात को कह दे तो सुन्दरता निखर के आ…"

आशीष यादव replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"बड़ा ही सुन्दर गीत| पढ़ के दिल से यही आवाज आती है की, वाह वाह "

आशीष यादव replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"कुण्डलिया विधा में एक सुन्दर रचना| प्रकृति का सुन्दर वर्णन|"

आशीष यादव replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"aadarniy salil ji, behad achchha lagta hai aap ki rachnaao ko padh kar| doha me kahi…"

आशीष यादव replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

", मुस्कुराती सी दरिया की तरंग रहे, बस नज़ारा-ए-कुदरत ही दवाम रहे।) हर तरफ़ सिर्फ़ ख़ामो…"

आशीष यादव replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"waah sir, ye bhi uttam"

आशीष यादव replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"आदरणीय आचार्य जी, सही टिपण्णी की गयी की आप सोते समय भी लिख सकते है और केवल लिख नहीं…"

आशीष यादव replied Feb 2, 2011 to "OBO लाइव महा इवेंट" अंक- ४-(Closed Now)

584 Feb 3, 2011
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

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