For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बीहनि कथा का विश्व परिदृष्य

अभी दो-चार दिन से फेसबुक हिंदी में Six Word Stories बहुत लोकप्रिय है। मगर मैथिली भाषा मे इसका सुचिंतित विमर्श "विदेह" पत्रिका के संपादकीय में पहले ही हो चुका था। इसी संदर्भ मे जब मैनें उक्त सूचना को फेसबुक पर शेयर किया तो आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी ने मैथिली के इस संपादकीय को हिंदी अनुवाद करने का निर्देश किया और उसीका परिणाम है यह अनुवाद । विदेह पत्रिका के संपादक हैं गजेन्द्र ठाकुर । विदेह पत्रिका के पुराने अंकों को नेट पर देखा जा सकता है । 

 

मैथिली भाषा मे गजेन्द्र ठाकुर की गिनती वैसे साहित्यकार मे होती जो एक साथ साहित्य भी रचते है, शब्दकोश भी बनाते हैं और रिसर्च भी करते हैं । 13 वीं शताब्दी से मिथिला मे प्रचलित पंजीप्रथा पर उनका शोध वृहत है । पंजीप्रथा आज के सरकारी विवाह के समान ही है । मगर इन सब को छोड़कर नये लेखक को प्रोत्साहित करना गजेन्द्र ठाकुर की सबसे बड़ी विशेषता है । करीब 2004 से ब्लागिंग कर रहे ठाकुर जी 2008 मे अपने पुराने ब्लाग को पाक्षिक पत्रिका मे बदल दिया जिसका नाम "विदेह" है ।

इस पत्रिका के संपादक के तौर पर ठाकुरजी ने मात्र आठ साल मे लगभग 70 से उपर नये लेखक मैथिली भाषा को दिये।

इस संपादकीय में आये "बीहनि कथा" को हिंदी के "लघुकथा" के समांनातर समझा जा सकता है।

 

 

बीहनि कथा का विश्व परिदृष्य

 

गजेन्द्र ठाकुर

 

अपने एक पंक्ति, दो पंक्ति, एक पैराग्राफ, दो पैराग्राफ के अति लघुकथा के लिये अंग्रेजी साहित्यमे एक नव विधा का अविष्कार करने वाली लिडिया डेविस की लेखनी लघुकथा; उपन्यास और कविता के जेनेरिक वर्गीकरण को नहीं मानता है और वह लेखकीय स्वतंत्रता का पक्षधर है। उनकी कुछ लघुकथाएँ कविता के जैसी हैं, तो कुछ लेख-निबंध के जैसी । उनकी ही कुछ अति लघुकथा तिलमिलाने वाली नहीं है बल्कि इलियट के "आबजरवेशन" जैसी हैं, बिना किसी भाव की, जिसमें भावना पाठ के अंतर में है बाहर में नहीं।

एक इंटरव्यू में जब लिडिया डेविस से पूछा गया कि क्या "फ्लैश फिक्शन", "लघु-लघुकथा", "गद्य कविता (प्रोज-पोयम) या "प्रोयम" आदि का बहुत वर्गीकरण साहित्य में होना चाहिये तो उन्होनें उत्तर दिया था कि यदि नये वर्गीकरण की जरूरत महसूस हो रही है, तो वर्गीकरण होगा ही और स्वीकार भी किया जायेगा भले ही उसमें कुछ समय लगे। लिडिया डेविस कथा को कविता के मुकाबले लचीला मानती हैं और गद्य कविता को कथा के नाम से संबोधित करती हैं। लिडिया डेविस को 2013 के मैन बुकर अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। सैमुएल बेकिट, फ्रैन्ज काफ्का और जार्ज लुइस बोग्रेस की कथाएँ भी एक पन्ना से एक सौ पृष्ठ तक जाती हैं, मगर इन तीनों से अलग हैं । फेलिक्स फेनिअन जिनकी एक हजार से ऊपर तीन पंक्ति की उपन्यास का संग्रह 1940 मे आया और इसका अंग्रेजी अनुवाद 2007 मे " नोवेल्स इन थ्री लाइन" के नाम से प्रकाशित हुआ। फ्रेंच मे इसका शाब्दिक अर्थ "लघु उपन्यास" और "समाचार' दोनों होता है । वस्तुतः फेलिक्स फेनिअन ने अपने समय का "समाचार" ही लिखा, जो एक विधा के रूप मे प्रतिष्ठित हो गया।

अरन्सट हेमिंगवे का छह शब्द की कथा ""For sale: baby shoes, never worn" में कथा का तीनों मूल तत्व है। प्रारंभ "For sale: मध्य baby shoes, अंत never worn । यह फ्लैश फिक्शन का अतिसूक्ष्म रूप है। वैसे इस कथा से हेमिंगवे का संबंध है कि नहीं, यह विवाद का विषय है ॥ क्योंकि हेमिंगवे की मृत्यु के 30 साल बाद 1991 मे इस कथा का सबंध उनके साथ जोड़ा गया। वैसे इस तरह का प्रयोग, जैसे "six word memoirs" सीरीज, लोकप्रिय रहा, जो आन लाइन SMITH Magazine में प्रकाशित है।

मैथिली में एक स्थापित होती विधा के लिये नये वर्गीकरण की जरूरत महसूस हुई और नया नाम देकर इसे स्वीकार भी किया गया और "फ्लैश फिक्शन", "लघु-लघुकथा", "गद्य कविता (प्रोज-पोयम) या "प्रोयम" और "आबजरवेशन" की तरह "सीड स्टोरी" के रूप मे चिन्हित किया गया।

 

"मौलिक और अप्रकाशित" 

Views: 1002

Reply to This

Replies to This Discussion

इस सूचनात्मक विवरण के लिए हार्दिक धन्यवाद भाई आशीष अनचिन्हार जी. बीहनि कथा का मैथिली साहित्य में जिस तरह से इन्फ़्यूज़न हुआ है वह चकित भी करता है और इस भाषा के वैश्विक जुड़ाव के पहलू भी उद्घाटित करता है. भाषाएँ अपनी तमाम सीमाओं के बावज़ूद अपने व्यवहार और विस्तार में वैश्विक हुआ करती हैं. बीहनि कथा पर यह आलेख इसका एक ज्वाजल्यमान उदाहरण है. आदरणीय गजेन्द्र ठाकुर जी के प्रति सादर नमन.  

मेरे कहे के अनुसार अपनी व्यस्तता के बावज़ूद समय देते हुए आलेख के सक्षम अनुवाद को प्रस्तुत कर ओबीओ के पटल को समृद्ध करने केलिए हार्दिक धन्यवाद.

शुभेच्छाएँ

 

जी धन्यवाद।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post भादों की बारिश
"यह लघु कविता नहींहै। हाँ, क्षणिका हो सकती थी, जो नहीं हो पाई !"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

भादों की बारिश

भादों की बारिश(लघु कविता)***************लाँघ कर पर्वतमालाएं पार करसागर की सर्पीली लहरेंमैदानों में…See More
Monday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . . विविध

मंजिल हर सोपान की, केवल है  अवसान ।मुश्किल है पहचानना, जीवन के सोपान ।। छोटी-छोटी बात पर, होने लगे…See More
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय चेतन प्रकाश भाई ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक …"
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सुशील भाई  गज़ल की सराहना कर उत्साह वर्धन करने के लिए आपका आभार "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - चली आयी है मिलने फिर किधर से ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
Monday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"विगत दो माह से डबलिन में हूं जहां समय साढ़े चार घंटा पीछे है। अन्यत्र व्यस्तताओं के कारण अभी अभी…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"प्रयास  अच्छा रहा, और बेहतर हो सकता था, ऐसा आदरणीय श्री तिलक  राज कपूर साहब  बता ही…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"अच्छा  प्रयास रहा आप का किन्तु कपूर साहब के विस्तृत इस्लाह के बाद  कुछ  कहने योग्य…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"सराहनीय प्रयास रहा आपका, मुझे ग़ज़ल अच्छी लगी, स्वाभाविक है, कपूर साहब की इस्लाह के बाद  और…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"आपका धन्यवाद,  आदरणीय भाई लक्ष्मण धानी मुसाफिर साहब  !"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182
"साधुवाद,  आपको सु श्री रिचा यादव जी !"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service