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मित्रों आप सबके समक्ष है नए सालका नया तोहफा एक नए कोने के माध्यम से| प्रस्तुत है भूले बिसरे गीतों की कहानी " गीत भूले बिसरे"| प्रतिदिन साईट में दाहिनी तरफ परिवर्तित होने वाला यह कोना आप सबको ऐसी पुरानी यादों में ले जायेगा जो मष्तिष्क के किसी कोने में अब भी तरो ताज़ा
हैं| ऐसे गीत जिन्हें जिन्हें ज़माने में उडी धूल की परतों ने धुंधला कर
दिया है, जिन्हें  सुनकर पुराने दिन चोले बदल कर सिरहाने आ बैठते हैं, दिल
के कसी कोने में एक हलचल सी मचाती है| आपकी यादों के इन्ही घरौंदों को बचा
कर रखने की एक कोशिश है " गीत भूले बिसरे"|

*मुख्य पृष्ठ पर स्थान उपलब्ध करने के लिए OBO प्रबंधन को भी बहुत बहुत धन्यवाद|

आशा है आपको यह प्रयास बहुत पसंद आयेगा|

इस कोने के बारे में अपनी प्रतिक्रया से ज़रूर अवगत कराएं|

 

आपका अपना

(राणा प्रताप सिंह)


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Rana sahab bahut badhiya column shuru kiya hai apane aur abhi tak jo geet sunavaye hain sab meri pasand ke hain| bahut bahut shukriya|

आज "सारे जहाँ से अच्छा" सुनिए रफ़ी साहब और आशा जी की आवाज में

प्रस्तुति: राणा प्रताप सिंह

मधुरतम

कहे बसुरिया बजउले 

 

प्रीत के रस से सरोबर एक मधुर गीत 

बहुत प्यारा गीत अद्धुत बोल 

 

राणा जी  बहुत बहुत धन्यवाद 

आज का गीत विशेष है, पहला तो ये कि इस भोजपुरी गीत को एक, पंजाबी गीतकार  ने लिखा है और दूसरा कि ये भारत की पहली भोजपुरी फिल्म का है| जी हाँ, .... गीतकार शैलेन्द्र केसरीलाल का जन्म रावलपिंडी में हुआ था .....वही शैलेन्द्र जिन्होंने अपनी प्रोड्यूस फिल्म तीसरी कसम में "सजनवा बैरी हो गए हमार" और इस भोजपुरी फिल्म के सारे गाने लिखे, है न कमाल की बात ? एक बानगी देखिये इस गीत की

"तोहरी बंसुरिया में गिनती के छेद बा

मनवा हमार पिया छलनी भइल बा"

जो सदस्य भोजपुरी भाषी नहीं है उनसे भी दरख्वास्त है कि इस गाने को जरूर सुने और भोजपुरी गीतों के बारे में अपनी धारणा को बदलें|

 प्रस्तुति:राणा प्रताप सिंह

राणा जी,आपको जितना भी धन्यवाद दिया जाए, कम है भाई...

मेरा पसंदीदा कार्य आपने शुरू किया है.

मैं भी शुरू से ही मानता आया हूँ, की हमारे ये गीतकार,

कवियों से किसी भी कीमत पर कम नही है....

और शैलेन्द्र जी तो मेरे सबसे पसंदीदा गीतकार है...

वैसे उस दौर के सभी गीतकार अपने आप मे महान थे...

इसमे कोई दो राय नही...

एक बार फिर से धन्यवाद....

आदरणीया शारदा मोंगा जी 

आपको सूचित करना चाहूँगा कि दिनांक ०६ अप्रैल २०१० को एक डिस्कसन प्रारंभ किया गया था जहा पर मशहूर साहित्यकारों की रचना को साझा किया जा सकता है| आपने याद दिलाया इसके लिए शुक्रिया| लिंक नीचे है 

http://www.openbooksonline.com/forum/topics/5170231:Topic:1239?comm...

आदरणीय शारदा मोंगा जी, "भूले बिसरे गीत" श्रृंखला OBO के सदस्य श्री राणा प्रताप जी द्वारा चलाई जाती है, यदि आप भूले बिसरे हिंदी के महान कवियों की भूली बिसरी कविताओं का वर्णन करना चाहती है तो पूर्व से प्रारंभ चर्चा "आईये पढ़े और लिखे ख्यातिप्राप्त रचनाकारो की कुछ रचनाये" लिंक पर जाकर कर सकती है,
धन्यवाद |

आज का गीत फिर से शैलेन्द्र जी का लिखा हुआ और शंकर जयकिशन का संगीतबद्ध किया हुआ फिल्म बूट पोलिश(१९५३) से है, गायक हैं मन्ना डे और आशा भोंसले 

प्रस्तुति:राणा प्रताप सिंह

आज का गीत फिल्म हरियाली और रास्ता(१९६२) से है जिसे गाया है मुकेश जी ने और संगीत है शंकर जयकिशन का, गीतकार हैं शैलेन्द्र|

प्रस्तुति:राणा प्रताप सिंह

आज एक बहुत ही मधुर सा राजस्थानी  गीत प्रस्तुत है  , फिल्म वीर दुर्गादास (१९६०) से  जिसे गाया है लता और मुकेश की जोड़ी ने और संगीतकार हैं एस एन त्रिपाठी, गीतकार हैं भारत व्यास

प्रस्तुति:राणा प्रताप सिंह

आज का गीत आशा जी और मुकेश जी की आवाज में है फिल्म का नाम है "मेरा नाम जोकर" और गीतकार हैं शैलेन्द्र, संगीत है शंकर जयकिशन

प्रस्तुति:राणा प्रताप सिंह

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