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जरा इधर भी करें नजरें इनायत

1. समारू - महंगाई ने आर्थिक बजट बिगाड़ दिया है।
पहारू - ‘आम आदमी के साथ हाथ‘ वाली सरकार पर और विश्वास करो।


2. समारू - बाबा रामदेव ने कहा है कि वे कायर नहीं है।
पहारू - सच है, नहीं भागते तो पुलिस का कोपभाजन बनना पड़ जाता।


3. समारू - छग कांग्रेस में नए जिलाध्यक्षों की घोषणा जल्द होने वाली है।
पहारू - फिर क्या है, कलह भी जल्द आने वाली है।



4. समारू - भाजपा के मध्यप्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने बढ़ती महंगाई को लेकर मौत मांगी है।
पहारू - देश में भला इससे बढ़कर राजनीति हो सकती है।


5. समारू - छग के रायगढ़ में शहीद के शव को कचरा वाहन में लाया गया।
पहारू - किसी मंत्री के साथ ऐसा होता तो पहाड़ सिर पर उठा लेते।


राजकुमार साहू
जांजगीर, छत्तीसगढ़

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Comment by Saurabh Pandey on June 29, 2011 at 3:29pm

सूँड़ फैजाबादी हास्य-व्यंग के बड़े प्रसिद्ध मंचीय कवि हुए हैं. आप अक्सर समाचारपत्रों की दो हेडलाइनों को साथ लिख कर कौतुक पैदा किया करते थे और सुननेवाला हँस-हँस के दोहरा हो जाता था. बानगी के लिये -

”जापान में सौन्दर्य प्रतियोगिता”

”जगजीवन राम विदेश रवाना..”   ......  

जगजीवन बाबू से साक्षात होने का जिन्हें संयोग हुआ है वो इन दो हेड-लाइन्स के कारण हुए अतुकांत को समझ बिना खिलखिलाये नहीं रह सकते. 

 

आपकी प्रस्तुतियों से मुझे उस असर को फिर से जीने का संयोग हुआ.. हार्दिक धन्यवाद.

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