हाइकू
१
मित्र हैं वही
जो न तोड़े विश्वास
शेष तो साथी
२
दूसरों पर
न करो दोषारोपण
यही बहुत
३
परोपकार
खुशबू चन्दन
करुना बसी
४
निराश न हों
असफलता देती
प्रेरणा नई
५
धन प्राप्ति से
दरिद्रता न मिटे
वित्तेष्णा छोडो
६
खरीददारी में
खुश होने का भ्रम
पाले रईस
७
जुंबा पर आये
पुरानी कई यादें
प्यार बढाए
८
कह के बात
खुले मन की गांठ
अपने आप
९
माँ का गुस्सा
क्रोध नहीं प्यार था
अब समझा
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आप सभी का धन्यवाद ,मेरा उत्साह और बढ़ गया |
बहुत अच्छे हाइकू लिखे है आपने इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई
लाजवाब
कह के बात
खुले मन की गांठ
अपने आप-- बहुत बढ़िया , शिक्षा प्रद भी, सादर बधाई
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