For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बाँसुरी [दोहावली]

बन कान्हा की बाँसुरी, अधरों को लूँ चूम 

रस पी  कान्हा प्यार का ,नशे संग लूँ झूम ।।

 

ऐसा तेरी प्रीत का ,नशा चढ़ा चितचोर

अधर चूम के बाँसुरी ,करे ख़ुशी से शोर ।।

 

बन कान्हा की बाँसुरी, खुद पर कर लूँ नाज 

जन्म सफल होगा तभी ,छू लूँ उसकोआज ।।

 

नशा चढ़ा तेरी प्रीत का,नाचूँ झूमूँ आज 

कान्हा तेरी प्रीत की ,धुन से छेड़ूँ साज ।।

 

कान्हा तेरी बाँसुरी,बोले मीठे बोल

खुश हो नाचें गोपियाँ , बजते ताशे ढोल ।।

 

लाती कान्हा बाँसुरी ,मुखमंडल पर शान

कानों में रस घोलती, धुन तेरी की तान ||

 

तड़प रही है स्पर्श बिन,भूली सब सुध आज ।

ओंठ लगी जो बाँसुरी ,खुला मोह का राज ।।

 

सहता पीड़ा बाँस है ,बाँटे प्रेम अथाह 

राधा ,मीरा, गोपियाँ ,चाहें तेरी चाह ||

 

सफल हुई है बाँसुरी ,खुद पर करती नाज

अमर मान लो हो गई ,छूकर तुमको आज ।।

 

ओंठ चूम कर बाँसुरी ,इतराती है आज 

धुन पर कान्हा प्रीत की ,छेड़ेगी वो साज ।।

 

बाँस बाँसुरी का कहे ,करो ह्रदय में छेद

लेकिन अपनी प्रीत का ,दे दो कान्हा भेद ।।

 

छूकर तुझको बाँसुरी ,बाँटे प्रीत अथाह 

पशु पक्षी औ गोप सब तकते तेरी राह ||

 

धुन तेरी पर बाँसुरी ,छेड़े ऐसी तान 

मगन रहें सब मोह में, नहीं करें अभिमान||

 

******......................................................................

मौलिक एवं अप्रकाशित 

Views: 394

Comments are closed for this blog post


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 8, 2015 at 1:39am

इन विशिष्ट भावदशा के दोहों केलिए हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीया
सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय  चेतन प्रकाश भाई  आपका हार्दिक आभार "
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आदरणीय बड़े भाई  आपका हार्दिक आभार "
15 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आभार आपका  आदरणीय  सुशील भाई "
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए धन्यवाद।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भाई अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ. भाई सुशील जी, सुंदर दोहावली हुई है। हार्दिक बधाई।"
18 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"भूल सुधार - "टाट बिछाती तुलसी चौरा में दादी जी ""
18 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"आ.गिरिराज भंडारी जी, नमस्कार! आपने फ्लेशबैक टेक्नीक के  माध्यम से अपने बचपन में उतर कर…"
19 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-173
"धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी।"
20 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service