For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

प्रश्न यह अश्लील है, पैदा हुई क्यों लड़कियां ?
घर की दीवारें लाँघ कर बाहर गयी क्यों लड़कियां?
वो सांस्कृतिक कार्यक्रमों , में उम्र सीमा बांधते|
खोल कर उनके मुखौटे घर से क्यों भागी लड़कियां?

है किसी की बहन , किसी की बेटी लड़कियां
फिर क्यों चौराहों पर, घूरी जाती हैं लड़कियां ?
वक्त बदला है, वो जल्दी ही उतार फेकेंगी |
चूड़ियों की हथकड़ी और पायलों की बेड़ियाँ |

न जाने कितने रूपों में हैं प्यार लुटाती लड़कियां|
जिंदगी की धूप में , छाँव हैं ,ये लड़कियां|
किस सम्मान के नाम पर हैं, क़त्ल की जा रही?
इक आदत भाई की खातिर रोती हैं कितनी लड़कियां|


मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 522

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by DIWAS MISHRA on November 21, 2014 at 12:04am

धन्यवाद Dr.Prachi Singh जी एवं Saurabh Pandey जी आप सभी के सानिध्य में लिखना सीख रहा हूँ,शिल्प पक्ष पर ध्यान देने का प्रयास करूँगा |

 परीक्षाओं में व्यस्तता से आभार व्यक्त करने में देरी हो गयी क्षमा प्रार्थी हूँ | 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 19, 2014 at 11:29pm

भावना प्रधान प्रस्तुति के लिए धन्यवाद. यों शिल्पगत प्रयास आपके साथ पाठकों को भी रोचक लगेगा.

सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on June 19, 2014 at 11:35am

आ० दिवस मिश्रा जी 

आज समाज में लड़कियों के साथ हो रहे अत्याचारों के प्रतिकार में कई प्रश्न आपके मन से मुखरित हुए हैं..... सही हैं!

लेकिन प्रस्तुति को अभी और समय की संयोजन की आवश्यकता है... सतत प्रयास से प्रस्तुतियां सध सकेंगी ..यही शुभकामना है 

Comment by DIWAS MISHRA on June 15, 2014 at 9:32pm

आदरणीया मंजरी जी आपकी बधाई मैं सहर्ष स्वीकार करता हूँ.|

Comment by DIWAS MISHRA on June 15, 2014 at 9:30pm

धन्यवाद महिमा जी |

Comment by mrs manjari pandey on June 15, 2014 at 9:29pm
आदरणीय दिवस मिश्र जी सलीके से सच्चाई को बेपर्द किया है इसके लिए बधाई स्वीकारें
Comment by MAHIMA SHREE on June 15, 2014 at 4:17pm

लड़कियों के साथ हुए और हो रहे अन्याय से उठे आपके भावपूर्ण प्रश्न के लिए आभार .. सादर

Comment by DIWAS MISHRA on June 14, 2014 at 5:17am

धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण भाई जबाब छिपा है तो बाहर लाते हैं ताकि हमारा समाज बेहतर बन सके |

Comment by DIWAS MISHRA on June 14, 2014 at 5:13am

धन्यवाद आदरणीया मीणा जी वर्तमान को देखते हुए ऐसा ही प्रतीत होता है,पर इन मुद्दों पर पहल हमीं को करनी होगी |

Comment by DIWAS MISHRA on June 14, 2014 at 5:10am

धन्यवाद आदरणीय डॉ. विजय शंकर जी हैं इस पितृसत्तात्मक समाज की मानसिकता बदलनी होगी तभी कुछ संभव है |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
Wednesday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
Tuesday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service