For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुम्हारे ही भरोसे हूँ

 1 2 2 2   1 2 2 2
कभी यूँ पास आ जाना
किया वादा निभा जाना /


गजब की यह फकीरी है
इसे तुम अब हटा जाना /


गरीबी हो अमीरी हो
कसम अपनी निभा जाना /


तुम्हारी आस आने की
जरा दिल में जगा जाना /

तुम्हारे ही भरोसे हूँ
भरोसा यह बढ़ा जाना /


दिलों को खोल कर अपने
गिले शिकवे मिटा जाना /

नहीं तकरार करना अब
हमें झट से मना जाना /


तुम्हें हम कह नहीं सकते
दिलों को अब मिला जाना //


..................................

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 612

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on September 26, 2013 at 10:54am

छोटी बहर पर सुन्दर ग़ज़ल प्रयास आ० सरिता जी 

हार्दिक बधाई 

Comment by आशीष नैथानी 'सलिल' on September 23, 2013 at 10:26am

कभी यूँ पास आ जाना
किया वादा निभा जाना /


गजब की यह फकीरी है
इसे तुम अब हटा जाना /

वाह वाह सुन्दर ग़ज़ल आदरणीया सरिता जी !

Comment by Sarita Bhatia on September 23, 2013 at 10:21am

आदरणीया मीना पाठक जी एवं आदरणीया सावित्री जी हार्दिक अभिनन्दन 

Comment by Sarita Bhatia on September 23, 2013 at 10:20am

भाई वीनस केसरी जी 

मन प्रुफुल्लित हो उठा आपकी उत्साहित टिप्पिनी पाकर ,मेरा गजल लिखना सार्थक हुआ 

Comment by Sarita Bhatia on September 23, 2013 at 10:18am

भाई जितेन्द्र जी एवं आदरणीय डॉ. आशुतोष जी ह्रदय से आभारी हूँ आपको अशआर पसंद आए 

Comment by Sarita Bhatia on September 23, 2013 at 10:17am

आदरणीया अन्नपूर्णा जी एवं महिमा श्री जी हार्दिक आभार 

Comment by Sarita Bhatia on September 23, 2013 at 10:16am

हार्दिक आभार अरुण ऐसे हि उत्साहित एवं स्नेहिल टिप्पिनीओं की आशा है आपसे 

Comment by Sarita Bhatia on September 23, 2013 at 10:15am

आदरणीय रविकर जी आप किसी भी विधा में टिप्पिनी कीजिए बस आपका आशीर्वाद मिलता रहे यही कामना है 

Comment by Sarita Bhatia on September 23, 2013 at 10:13am

शालिनी जी शुक्रिया 

Comment by Savitri Rathore on September 22, 2013 at 5:29pm

सरिता जी, सुन्दर ग़ज़ल ,बधाई हो।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service