For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गुरु चरणों में समर्पित दोहावली........ डॉ० प्राची

सद्गुरु मणि अनमोल है, जीवन दे चमकाय 

पारस तो कुंदन करे, गुरु पारस कर जाय //१//

गुरु बंधन से मुक्त कर, ब्रह्म मार्ग दिखलाय

छद्म समझिए रूप वह, जो बंधन जकड़ाय //२//

गुरु की कृपा अनंत है, गुरु का प्रेम अथाह 

श्रद्धानत जो मन हुआ, तद्क्षण पाई राह //३// 

भटका गुरु-गुरु खोजता, गुरु मिलया नहिं कोय 

ज्ञान पिपासा जब जगी, प्रकट स्वतः गुरु होय //४//

गुरु का आदि न अंत है, गुरु नहिं केवल गात्र 

एक अनश्वर सत्व है, पाए बस सद्पात्र //५//

मौलिक और अप्रकाशित 

Views: 1098

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by annapurna bajpai on September 5, 2013 at 7:22pm

भटका गुरु-गुरु खोजता, गुरु मिलया नहिं कोय 

ज्ञान पिपासा जब जगी, प्रकट स्वतः गुरु होय //४// ................................... बिलकुल सही कहा आ0 प्राची जी जब ज्ञान पिपासा                                                                                                     जागी तभी गुरु भी खुद ब खुद मिल जाते है । जैसे                                                                                                      मुझे आप एवं अन्य विद्वत जनों का साथ मिला 

गुरु का आदि न अंत है, गुरु नहिं केवल गात्र 

एक अनश्वर सत्व है, पाए बस सद्पात्र //५// ............................................... पता नहीं मै सद्पात्र हूँ या नहीं परंतु गुरु मुझे                                                                                                                 सही मिले है । 

आ0 प्राची जी हार्दिक बधाई स्वीकारें इस सुंदर रचना हेतु । 

Comment by Dr Ashutosh Vajpeyee on September 5, 2013 at 7:00pm

चमकाय जाय दिखलाय जकड़ाय कोय होय ये शब्द अवधी के हैं इसलिए खड़ी बोली के साथ प्रयोग दोषपूर्ण माना जाता है प्राची जी......वैसे उत्कृष्ट भावों के लिए नमन आपकी लेखनी को 

Comment by Vindu Babu on September 5, 2013 at 6:53pm
आदरणीया प्राची जी गुरु चरणों में समर्पित आपकी यह भावपूर्ण दोहावली आपकी अगाध श्रद्धा की द्योतक है।
शिक्षक दिवस की आपको भी ढेरों शुभकामनाएं।
सादर
Comment by Shyam Narain Verma on September 5, 2013 at 4:24pm

 इस प्रस्तुति हेतु बहुत-बहुत बधाई व शुभकामनाएँ....

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on September 5, 2013 at 4:15pm

गुरु रवि के चरणों  पड़े,  सिद्ध बने  हनुमान,

रामभक्त को मिल गयी,मणि अनमोल महान |

बहुत सुन्दर और सार्थक दोहे शिक्षक दिवस पर | शिक्षक दिवस पर हार्दिक शुभकामनाए आदरणीया डॉ प्राची सिंह जी 

Comment by Sarita Bhatia on September 5, 2013 at 4:12pm

भटका गुरु-गुरु खोजता, गुरु मिलया नहिं कोय 

ज्ञान पिपासा जब जगी, प्रकट स्वतः गुरु होय //४//

वाह वाह वाकई सही कहा प्राची जी 

सुंदर दोहावली 

Comment by रविकर on September 5, 2013 at 3:52pm

भटका गुरु-गुरु खोजता, गुरु मिलया नहिं कोय 

ज्ञान पिपासा जब जगी, प्रकट स्वतः गुरु होय //४//

वाह वाह वाह-
शुभकामनायें आदरेया 

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 5, 2013 at 2:59pm
आदरणीया प्राची जी , गुरु सम्रर्पित दोहे सच मुच अनमोल रचे आपने !! बधाई !!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"जय-जय "
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी रचना का संशोधित स्वरूप सुगढ़ है, आदरणीय अखिलेश भाईजी.  अलबत्ता, घुस पैठ किये फिर बस…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी, आपकी प्रस्तुतियों से आयोजन के चित्रों का मर्म तार्किक रूप से उभर आता…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"//न के स्थान पर ना के प्रयोग त्याग दें तो बेहतर होगा//  आदरणीय अशोक भाईजी, यह एक ऐसा तर्क है…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, आपकी रचना का स्वागत है.  आपकी रचना की पंक्तियों पर आदरणीय अशोक…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी प्रस्तुति का स्वागत है. प्रवास पर हूँ, अतः आपकी रचना पर आने में विलम्ब…"
7 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद    [ संशोधित  रचना ] +++++++++ रोहिंग्या औ बांग्ला देशी, बदल रहे…"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी सादर अभिवादन। चित्रानुरूप सुंदर छंद हुए हैं हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  रचना को समय देने और प्रशंसा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद आभार ।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। चित्रानुसार सुंदर छंद हुए हैं और चुनाव के साथ घुसपैठ की समस्या पर…"
9 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी चुनाव का अवसर है और बूथ के सामने कतार लगी है मानकर आपने सुंदर रचना की…"
11 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी हार्दिक धन्यवाद , छंद की प्रशंसा और सुझाव के लिए। वाक्य विन्यास और गेयता की…"
11 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service