For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"परमवीर चक्र"

लहूलुहान
मांस के लोथड़ों को
देखने वालों की
रूह कांप उठी
पत्नी माँ बाप
बच्चे पत्थर हो गए
उन पत्थरों को
पिघलाने को
छिड़का गया है
पेट्रोल
जिससे जल गया है
चंद चीखती
बंदूकों की सलामी
के उपरान्त
तिरंगे से लिपटा
स्थूल शरीर
और लटक गया
उनके लटके चेहरों में
चमचमाता हुआ
परमवीर चक्र
"आज़ादी"
 
नंग धुडंग
जिस्म लिए
आँखों में
बेहयाई लिए
जिस्म में
तिरंगे के
टेटू लगाये
दर बदर
फिर रही है
जिंदाबाद के
नारे लगाते
आज़ादी
भारत की आज़ादी
हिन्दुस्तान की आज़ादी
"शहीद "

आँखों में लहू भरे
माँ भारती की रक्षा के लिए
हाथों में सस्त्र लिए
खून की मांग करते
खून से तिलक करते
अधिकारों को छीन लेने
तत्पर
हुंकार भरे
अंगार भरे
दुश्मनों के काल
से दिखते
वो वीर
माँ भारती के वीर
हँसते हँसते फंदों को
चूमते
माँ भारती के गीतों में
झूमते
कौन थे ???
शहीद या आतंकी


संदीप पटेल "दीप"

Views: 350

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on August 16, 2012 at 11:23am

आदरणीय उमाशंकर सर जी सादर नमन
आपकी प्रतिक्रिया पाकर मन उत्साहित हुआ
और भी तीक्ष्ण लेखन के लिए मनोबल बढ़ा है
आपका स्नेह और आशीष अनुज पर बनाये रखिये
आपका सादर आभार

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on August 16, 2012 at 11:21am

आदरणीय अम्बरीश सर  जी  सादर  नमन
सच तो ये है कि इसका उत्तर देने में  वो यदि समर्थ होते तो ये प्रश्न होता ही क्यूँ
आपकी सराहना   पा कर मन प्रसन्न हो गया
अनुज   पर  ये स्नेह  सदा  बनाये रखिये
आपका बहुत बहुत शुक्रिया  सहित  सादर आभार
 

Comment by UMASHANKER MISHRA on August 15, 2012 at 9:57pm

प्रिय संदीप आज तो हमारा नमन ही नमन है

आपकी सोच को सलाम ...बहेतरीन शब्द बेशब्द हो गये

Comment by Er. Ambarish Srivastava on August 14, 2012 at 10:27pm

//माँ भारती के वीर
हँसते हँसते फंदों को
चूमते
माँ भारती के गीतों में
झूमते
कौन थे ???
शहीद या आतंकी//

वाह संदीप जी वाह ! क्या प्रश्न किया है आपने ! इस देश में रहने वाले सुविधाभोगी व स्वार्थलोलुपता के पुजारी इस प्रश्न का उत्तर क्या कभी दे भी सकेंगे ?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर आ रे, सूरज आजमा, किसमें कितना जोर     मूरख…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी कोशिशों पर तो हम मुग्ध हैं, शिज्जू भाई ! आप नाहक ही छंदों से दूर रहा करते हैं.  किसको…"
4 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहा आधारित एक रचना: प्यास बुझाएँगे सदा सूरज दादा तुम तपो, चाहे जितना घोर, तुम चाहो तो तोड़ दो,…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, सदा की भाँति इस बार भी आपकी रचना गहन भाव और तार्किक कथ्य लिए हुए प्रस्तुत…"
4 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रदत्त चित्र को सार्थक दोहावली से आयोजन का शुभारम्भ हुआ है.  तन…"
4 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   पैसा है तो पीजिए, वरना रहो अधीर||...........वाह ! वाह ! लाख टके की बात कह दी है आपने.…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय शिज्जु शकूर जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर दोहे रचे हैं आपने. सच है यदि धूप न हो…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रस्तुत दोहों की सराहना के लिए आपका हृदय…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार. आपकी…"
5 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  जी ! भाई लक्ष्मण धामी जी आप जो कह रहे हैं मन के मार्फ़त या दिल के मार्फ़त उस बात को मैं समझ…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्रानुसार उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
6 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक  भाईजी  हार्दिक बधाई स्वीकार करें इस सार्थक दोहावली के लिए| दोपहर और …"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service