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साहित्य साधना इष्ट आराधना
पवित्रतम ह्रदय निस्सृत पूजा है,
निर्मल निर्झर भाव सरिता ये
उद्गम अन्तः मन जिसका है,
एक अनंत सागर है यह तो
जिसकी हर एक लहर में नशा है...

जो इसकी पूजा करते हैं
अन्तः से निर्मल होते हैं,
सुरसति के आशीष में डूबे
वो सच का दर्पण होते हैं,
धन मान का लोभ न रख कर
दुर्लभ चिदानंद बसते हैं…

पर समाज की तंग हैं गलियाँ 

इन में छल और मोह बसा है,
झूठी शानो चमक में उलझ कर
साहित्य का देखो दम निकला है,
हस्त गलत साहित्य की डोरी
पथ प्रदर्शक यहाँ सुप्त खड़ा है...

कलम की ताकत बहुत बड़ी है
इसको रे लेखक पहचानो,
बस कुछ भावों की तुकबंदी
में न इसके सार को जानो,
राह कठिन है , लक्ष्य बड़ा है
अपनी ज़िम्मेदारी मानो...

नव्युदितों को राह दिखाने
तुम्हे ही आगे आना होगा,
गलत हस्त में डोर हो जब तो
लोगों को चेताना होगा,
दिशा भ्रमित हों मूल्य जहाँ भी
तुमको अलख जगाना होगा…

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Comment

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Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on May 31, 2012 at 9:00am

कलम की ताकत बहुत बड़ी है....

सुन्दर रचना के माध्यम से अलख जगाने का खरा आवाहन...

सादर बधाई स्वीकारें सुन्दर सृजन के लिए...

Comment by Albela Khatri on May 30, 2012 at 11:41pm



बहुत बहुत  बधाई डॉ  प्राची सिंह जी,  बहुत बहुत अभिनन्दन इस सार्थक काव्य के लिए.सचमुच  अब अलख जगाना ही होगा

निसंदेह अब समय आगया है कि  लेखनी की  शक्ति को सही दिशा में  लगाया जाये.  आपके विचार और आग्नेय शब्दों को नमन . नवोदितों को बड़ी ऊर्जा मिलेगी आपके शैल्पिक सौन्दर्य से.

एक सुझाव था . यदि आप  टंकण में हुई कुछ भूलें सुधार लें तो सोने पर सुहागे का काम हो जाये :

जिसकी हर एक लहर मैं नशा है..._____में  नशा है

इसमें छल और मोह बसा है,_________इन में

दिशा भर्मित हों मूल्य जहाँ भी________भ्रमित

सादर

जय हिन्द !


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 30, 2012 at 10:45pm

कलम की ताकत बहुत बड़ी है
इसको रे लेखक पहचानो,
बस कुछ भावों की तुकबंदी
में न इसके सार को जानो,

बहुत कुछ साझा हुआ है, डा. प्राची.  अनवरत साधना चले.  शुभेच्छाएँ.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 30, 2012 at 10:04pm

जो इसकी पूजा करते हैं 
अन्तः से निर्मल होते हैं, 
सुरसति के आशीष में डूबे 
वो सच का दर्पण होते हैं, 
धन मान का लोभ न रख कर 
दुर्लभ चिदानंद बसते हैं… वाह... वाह बहुत सुन्दर भावाभिव्यक्ति बहुत अच्छी

कृपया ध्यान दे...

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