For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कान्हा से मिलोगी सखी ?
हँसते -खेलते राधा से कहा मैंने..
सदियों से प्रतीक्षा में बँधी
राधा बोली-हाँ सखी..पर कैसे ?


चल न सखी,छोड़ न
इस धाम ,इस वृक्ष को
चल चलके देखे कान्हा धाम
वे जरुर मिलेंगे तुझको !


ख़ुशी से झूम राधा
चली मिलने शाम को
मेरा मन हुआ गर्वित,सोचा-चलो
यह जीवन आया कोई काम तो !


पर!यह तो थे कृष्ण
कान्हा तो हमे मिले नहीं
राधा क्या गिला करती
राधा को कृष्ण जाने नहीं !


राधा ने कुछ कहा नहीं
रोई नहीं,गिड़गिड़ाई नहीं
कृष्ण को अपना परिचय
भी तो उसने दिया नहीं !


राधा का ह्रदय अंगार हुआ
रक्त उबलकर नीर बना
पीड़ित मुख से हँसकर कहा
चलो, यहाँ आना सार्थक हुआ !

तुम्हारी प्रतीक्षा क्या व्यर्थ गई ?
पूछा, तो सुन राधा हँस पड़ी..
मेरे गर्वित मुख को देख
हाथ पकड़ , मेरे साथ चली.... :)

सोचती हूँ..इस साक्षात्कार के बाद क्या मंदिरों में कृष्ण के साथ रहने वाली राधा की मूर्ति में उनकी आत्मा बसती होगी ?

Views: 285

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Anwesha Anjushree on October 9, 2011 at 5:50pm

Shukriya

Comment by आशीष यादव on October 2, 2011 at 12:51am

भावपूर्ण कविता है| बहुत कुछ कह रही है यह कविता|

मेरी बधाई स्वीकार करे इस प्रस्तुति के लिए|

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आपके पूर्वाग्रह-रहित, सहजता से दिए गए मूल्यवान सुझाव किसी भी सच्चे   रचनाकर्मी को अनुचित…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय तिलकराज भाईजी, आपके संचालन में इस मुशायरे का पहली बार आयोजन हुआ है. इस आयोजन में जिस उदार…"
5 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"हार्दिक आभार आदरणीय।"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जय-जय.. शुभ-शुभ"
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"कभी-कभी परस्पर विश्वास में बात खुलकर रखने का साहस मिल जाता है और यहॉं जो सीखने-सिखाने की परंपरा रही…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गजेन्द्र भाई , खूबसूरत ग़ज़ल के लिए  आपको हार्दिक बधाईयाँ , गिरह खूब लगाई है , बधाई "
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय लक्ष्मण भाई आपका हार्दिक आभार "
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी रचनाधर्मिता ही नहीं, आपकी सदाशयता भी हमसभी के लिए अनुकरणीय…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय अजय भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका आभार , सलाह के अनुसार सुधार के लिए  प्रयास…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय शिज्जु भाई , आपने सही पहचाना , आपका हार्दिक आभार "
5 hours ago
Gajendra shrotriya replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"जो कुछ इस मंच से सीखा है, लिया है, उसका अंश मात्र भी लौटा सकूं तो स्वयं को धन्य मानूंगा आदरणीय। यह…"
5 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-179
"आदरणीय गुरप्रीत भाई , शारीरिक परेशानियों के चलते बहुत समय तक मंच से दूर रहा हूँ , अब फिर से प्रयास…"
6 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service