For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नानी की कमी जीवन पर्यन्त याद आएगी!

नानी की कमी जीवन पर्यन्त याद आएगी ,

आंखें मेरी क्षण-क्षण अक्षुओं से भर आएंगी

खाये जिनके बनाये गर्मियों में चांवल और दाल,

छोड़ के हम नाती-पोतों को कब दूर चली जाएगी

छत पर जिनकी तोड़ कर खता मिर्च नमक लगा कच्चा आम और जाम,

उस वृक्ष की टहनी कब हम सब से इस तरह यूँ कट जाएगी

सेव,मुरमुरे,प्याज,टमाटर काट के भेल खिलाती थी,

एक पल को यूँ श्वास त्यागकर स्वर्गलोक सिधर जाएगी

ग्रीष्मकाल में विद्यालय के ९ मास जो कलम घीसी ,

बचे मास खुशियों की स्याही जिसने भरी वह स्याही ढुल जाएगी

छत-आंगन पर जिनके समकक्ष गोद में सोये गपशप करके,

पल-भर में हम सबसे यूँ बिछड़ जाएगी

जिनके संग मै रहा साथ , देखी दूरदर्शन में नौक-झौक करती बहुएं और सास,

बिन दर्शन दिए अंतिम क्षण में भवसागर तर जाएगी

माँ तो अपनी देवी हैं पर माँ की माँ तो परमदेवी है,

जो हर एक लोक में स्वेच्छा से  मिल जाएगी

सुख-दुःख में जिसने सर पर सदा हाथ फेरकर प्रेम बिछाया,

नानी माँ उस पावन माँ गंगा संग मिल जाएगी

प्रत्येक दिवस में एक बार फोन की घंटी बजा कर हेल्लो से सम्बोधन करती थी,

अब वो छन को श्रुति तरस जाएगी

उनके कोमल हाथों की बनाई और मेरी खाई सब्जी और रोटी को ,

मेरी स्वाद कलिकाओं  को तरसा जाएगी

जिनके संग चिडयाघर विचरण , शेर दहाड़ सुन,

उनसे लिपट कर शक्तिमान बन जाता था ,

वह माँ दुर्गा मेरी कब अदृश्य हो जाएगी

हर वार त्यौहार में न्योता देकर स्वाद-पेटभर भोजन खिलाती थी ,

बिन पसंद का खाये-पिए अंतिम क्षण गुज़र जाएगी

जब मेरे जीवन में घोर विपदा आयी थी , मात-पिता के बीच वही त्रिदेवी बन आयी थी ,

नेत्रों के समकक्ष मेरे यूँ अग्नी में प्रविष्ट हो जाएँगी

कलियुग में इस प्रलयकाल में जब जग में घोर अँधियारा है ,

पृथ्वी लोक में माँ सीता की तरह मेरी नानी भवसागर तर जाएगी

मौलिक एवं अप्रकाशित

अपनी नानी माँ को समर्पित

रोहित दुबे

Views: 321

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की-जिस्म है मिट्टी इसे पतवार कैसे मैं करूँ
"धन्यवाद आ. समर सर "
15 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Saurabh Pandey's blog post खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा // सौरभ
"आ. सौरभ सर,मोएन जो दारो की ख़ुदाई से एक प्राचीन सभ्यता के मिले अवशेष अभी देख रहा हूँ..यह ग़ज़ल कैसे…"
17 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post खत तुम्हारे नाम का.. लिफाफा बेपता रहा // सौरभ
"आदरणीय, सहमति के लिए हार्दिक धन्यवाद"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय श्याम नारायण जी, आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद.  शुभ-शुभ"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय विजय शंकर जी, आपकी शुभकामनाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद जय-जय"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी उपस्थिति और बधाइयों के लिए हार्दिक धन्यवाद.  शुभ-शुभ"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post शिक्षक दिवस - कुण्डलिया छंद // सौरभ
"आदरणीय सुशील सरना जी,  छंद-रचना आपको भायी यह मेरे लिए भी आश्वस्तिकारी है.  आपकी मुखर…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपकी शुभकामनाओं और बधाइयों के लिए हार्दिक धन्यवाद.  शुभ-शुभ"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल-नूर की ...हय
"धन्यवाद आ. सौरभ सर. बस 9 साल ही लेट हूँ धन्यवाद ज्ञापित करने में 😁😁"
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल-नूर की ...हय
"धन्यवाद आ. आशुतोष जी "
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. सौरभ सर,इमोजी पोस्ट कर पाने की बधाई 😁😁"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"जय हो...  //होठों को शहद, रस, जाम आदि तो कई बार देखा सुना था लेकिन पहली बार होंठ पे गमले देखने…"
7 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service