For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरे दिल को न चैन आयेगा

मेरे दिल को न चैन आयेगा,
उम्र सारी मलाल आयेगा।

नूर मुझसे ख़फ़ा है तो फिर,
बस अँधेरा करीब आयेगा।

आसमाँ पर है सूरज अगर,
चाँद कैसे भला आयेगा।

बददुआयें वो देने लगे,
अब मुकद्दर क़हर ढायेगा।

हमनशीं बन गया एक फिर,
देखें कब तक निभा पायेगा।

मुझसे लेता रहा उल्फतें,
तोहमतें वो जो दे जायेगा।

अलविदा ज़िन्दगी को कहें,
जाके तब कुछ क़रार आयेगा।

वो जो सीने से लगते थे अब,
पीठ पर उनका वार आयेगा।

गुल है 'इमरान' बिखरा भी तो,
ज़र्रे ज़र्रे को महकायेगा।

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 691

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by इमरान खान on August 17, 2013 at 9:36am
नीरज भाई आपका शुक्रिया, इंगित शेर में जिंदगी को अलविदा कहना एक उपमा है, इसे आप इच्छायें मारनें के परिप्रेक्ष्य में लें। जहाँ तक काव्य में प्रेक्टिकल अप्रोच का प्रश्न है मेरा कहना है अगर उपमाओं का प्रयोग न किया जाये तो मफहूम समझाने में परेशानी हो जायेगी
Comment by इमरान खान on August 17, 2013 at 9:22am
शुक्रिया अमन भाई हौसला अफजाई का
Comment by इमरान खान on August 17, 2013 at 9:21am
केतन भाई आपकी टिप्पणी रूचिकर है धन्यवाद आपका
Comment by इमरान खान on August 17, 2013 at 9:17am
बहुत बहुत शुक्रिया गिरिराज भाई
Comment by annapurna bajpai on August 16, 2013 at 11:27pm

आदरणीय इमरान भाई जी अच्छी  गजल हुई है । बधाई ।

Comment by Neeraj Nishchal on August 16, 2013 at 4:52pm

अलविदा ज़िन्दगी को कहें,
जाके तब कुछ क़रार आयेगा।

ग़ज़ल तो आपकी बहुत प्यारी है
पर ये दावा कैसे कर सकते हैं आप
कविता में कल्पना ही नही कुछ
प्रैक्टिकल भी होना चाहिए ।

Comment by aman kumar on August 16, 2013 at 4:20pm

इमरान भाई अच्छा लिखते है आप !

अलविदा ज़िन्दगी को कहें,
जाके तब कुछ क़रार आयेगा।

Comment by Ketan Parmar on August 16, 2013 at 1:14pm

kAAFIYA BAHUT HI ACHA LIYA HAI KOI UNGLI NAHI UTHA SAKTA

DAAD QABOOL KARE BHAI JAAN


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 16, 2013 at 1:05pm

लाजवाब  भाई इमरान , क्या कहने !!

गुल है 'इमरान' बिखरा भी तो,
ज़र्रे ज़र्रे को महकायेगा।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
1 hour ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
1 hour ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
19 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद। बहुत-बहुत आभार। सादर"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service