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भारत सदैव 
आजाद था
आजाद है 
आजाद रहेगा 
 गुलामी और आजादी
 का कैसे भान हो 
शासक कोई, शासन कोई 
चाहें जो सरकार हो 
जब मानसिकता विकलांग हो 
भारत कभी जकड़ा नहीं 
गुलामी की जंजीर में 
देखने का दोष जो 
सदा रहा तक़दीर में 
लाख लिखने वालों ने
लिखा हो तहरीर में 
भारत था आजाद 
आज भी आजाद है
दुर्दशा का कारण स्वयं 
दोष देते आन का 
चाहिए कन्धा सदैव 
ध्यान नहीं मान का 
 
एक   दूसरे से नाराज हैं 
करते स्वयं कुछ भी नहीं 
सोचते विचारते हैं बहुत 
गलत सही का भान नहीं 
 
बदलती सत्ता पे चाहें 
जश्न  जितना  मना  लो
बदलोगे नहीं आप को 
तो कुछ नहीं पाओगे 
जैसे रहे तुम सदा  
वैसे ही रह जाओगे  

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Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 8, 2012 at 9:53pm

आदरणीय अविनाश बागड़े  जी, शुभ होली. पसंद आया  आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 8, 2012 at 9:50pm

आदरणीय त्रिपाठी जी, शुभ होली. आप को आंनद मिला मुझे संतोष हुआ. आभार 

Comment by विन्ध्येश्वरी प्रसाद त्रिपाठी on March 8, 2012 at 9:12pm
वेरी गुड्ड रचना है हुजूर,
सदके जावां
Comment by AVINASH S BAGDE on March 8, 2012 at 7:59pm

 

बदलती सत्ता पे चाहें 
जश्न  जितना  मना  लो
बदलोगे नहीं आप को 
तो कुछ नहीं पाओगे ...nice one Pradeep ji.
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 6, 2012 at 9:30pm

धन्यवाद , आदरणीय हरीश जी, प्रयास किया है. 

Comment by Harish Bhatt on March 6, 2012 at 2:20am

आदरणीय प्रदीप जी सादर प्रणाम

सच्‍चाई बयां करती कविता के लिए हार्दिक बधाई,

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 5, 2012 at 10:02pm

आदरणीया नीरजा जी, सादर अभिवादन. आपको सपरिवार होली की बहुत बहुत शुभ कामनाएं 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 5, 2012 at 9:11pm

aadarniya vahid bhai ji, abhar to aapka hai, koyle ko bhi hira bana dete hain. saparivar holi ki shubh kamnayen

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on March 5, 2012 at 9:09pm

dhanyavaad mahima shree ,

saparivar holi ki shubh kamnayen

Comment by MAHIMA SHREE on March 5, 2012 at 8:56pm
बदलती सत्ता पे चाहें 
जश्न  जितना  मना  लो
बदलोगे नहीं आप को 
तो कुछ नहीं पाओगे 
जैसे रहे तुम सदा  
वैसे ही रह जाओगे
 
AAdarniy Sir Pranam......satya vachan  jab tak hum nahi badlege....kitani bhi satta badale kuch nahi balena wala......

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