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Dr.Prachi Singh's Discussions (3,898)

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"आदरणीय प्रदीप कुमार जी, आलेख के अनुमोदन के लिए आभार. गीत विधा पर आलेख अंतर्जाल पर अव…"

Dr.Prachi Singh replied May 7, 2013 to नवगीत ( एक परिचर्चा)

123 Nov 10, 2014
Reply by Rahul Dangi Panchal

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"प्रिय शशि पुरवार जी  नवगीत विधा के प्रति आपका अनुराग देख बहुत अच्छा लग रहा है..नवगीत…"

Dr.Prachi Singh replied May 7, 2013 to नवगीत ( एक परिचर्चा)

123 Nov 10, 2014
Reply by Rahul Dangi Panchal

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"आदरणीय गणेश जी,  नवगीत विधा पर यह आलेख आपको तथ्यपरक और ज्ञान वर्धक लगा तो लेखन सार्थ…"

Dr.Prachi Singh replied May 6, 2013 to नवगीत ( एक परिचर्चा)

123 Nov 10, 2014
Reply by Rahul Dangi Panchal

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"//यदि मुखड़ा 16 मात्राओं का है तो अंतरे को 14 मात्राओं का रख सकते हैं सिवाय अंतिम पंक…"

Dr.Prachi Singh replied May 6, 2013 to नवगीत ( एक परिचर्चा)

123 Nov 10, 2014
Reply by Rahul Dangi Panchal

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"प्रिय शशि पुरवार जी  नवगीत बहुत सुन्दर विधा है और इसको लिखने का एक अलग ही आनंद है...…"

Dr.Prachi Singh replied May 6, 2013 to नवगीत ( एक परिचर्चा)

123 Nov 10, 2014
Reply by Rahul Dangi Panchal

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"आदरणीय अशोक कुमार रक्ताले जी  नवगीत पर लिखा गया यह आलेख आपको सार्थक लगा, इस उत्साहवर…"

Dr.Prachi Singh replied May 6, 2013 to नवगीत ( एक परिचर्चा)

123 Nov 10, 2014
Reply by Rahul Dangi Panchal

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"प्रिय वंदना तिवारी जी, आलेख में आपकी जिज्ञासा का उत्तर देने के लिए उसे पुनः एडिट किय…"

Dr.Prachi Singh replied May 6, 2013 to नवगीत ( एक परिचर्चा)

123 Nov 10, 2014
Reply by Rahul Dangi Panchal

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"आदरणीय विजय जी, आलेख में प्रस्तुत तथ्यों की सार्थकता को अनुमोदित करने के लिए हार्दिक…"

Dr.Prachi Singh replied May 6, 2013 to नवगीत ( एक परिचर्चा)

123 Nov 10, 2014
Reply by Rahul Dangi Panchal

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"आदरणीय बृजेश जी, आपको यह आलेख पसंद आया और सार्थक लगा तो शोध व लेखन का श्रम सार्थक सा…"

Dr.Prachi Singh replied May 6, 2013 to नवगीत ( एक परिचर्चा)

123 Nov 10, 2014
Reply by Rahul Dangi Panchal

"आदरणीय अम्बरीश जी उपरोक्त छंद में चारों चरणों का सम्तुकांत होना अनिवार्य नहीं है।सम्…"

Dr.Prachi Singh replied Apr 15, 2013 to छंद 'कामरूप' : एक परिचय

9 Apr 15, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

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"बहुत सुंदर अभिव्यक्ति हुई है आ. मिथिलेश भाई जी कल्पनाओं की तसल्लियों को नकारते हुए यथार्थ को…"
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Saurabh Pandey commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय मिथिलेश भाई, निवेदन का प्रस्तुत स्वर यथार्थ की चौखट पर नत है। परन्तु, अपनी अस्मिता को नकारता…"
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"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार ।विलम्ब के लिए क्षमा सर ।"
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"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी । सहमत एवं संशोधित ।…"
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"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
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दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
Jun 3

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मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
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Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
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"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
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"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
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Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
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