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काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी ...
 
बच्चन के कपडा फाटल फाटल ,
पडल बाड तू गटर गटर , 
छोड़ के इ तू बढ़िया से जी ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी ...
 
साम होते तू पागल पागल ,
कईसन रोग इ लागल लागल , 
आच्छा रहित की पिअते घी  ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी ... 
 
मँह चाटत बा कुकुर कुकुर ,
तू देखत बाड़े टुकुर टुकुर , 
अइसन जीवन पर छी छी छी ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी , 
 
तोहरा से बढ़िया बबलू मुन्ना ,
रोज बढ़त बारन दुन्ना दुन्ना , 
रवी पप्पू से कुछउ सीखी ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी.. .
 

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Replies to This Discussion

साम होते तू पागल पागल ,

कईसन रोग इ लागल लागल , 
आच्छा रहित की पिअते घी  ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी ... 
  
मँह चाटत बा कुकुर कुकुर ,
तू देखत बाड़े टुकुर टुकुर , 
अइसन जीवन पर छी छी छी ,
काहे रे जीवनबैरी जीवनबैरी पी , 

प्रिय गुरु जी एक अनूठा अंदाज ...बात कह देने के रंगीन तरीके ...सुन्दर ..उपर्युक्त बहुत भाया -हंसाया भी 

भ्रमर ५ 

dhanyavad bhramar jee

 

सहिये बा . बहुते सिखला बाकी हउए.

BAHUUT BAHUT VADIYA JI

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"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
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"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
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"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
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"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
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"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
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"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
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"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
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"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
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