For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

gumnaam pithoragarhi's Discussions (192)

Discussions Replied To (174) Replies Latest Activity

"वफ़ा-ए-अहले ख़िरद देखिये जनाब यहाँ वफ़ा झुके हुये सर के सिवा कुछ और नहीं वाह!वाह!,,,…"

gumnaam pithoragarhi replied Jun 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-48

657 Jun 28, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"न मंज़िलें , न मराहिल , न रोशनी  मेरी मेरा नसीब ,सफर के सिवा कुछ और नहीं            …"

gumnaam pithoragarhi replied Jun 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-48

657 Jun 28, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"तमाम उम्र समेटा जिसे समझ अपना पता चला कि सिफ़र के सिवा कुछ और नहीं। जिसे यकीं था जह…"

gumnaam pithoragarhi replied Jun 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-48

657 Jun 28, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"विकास आप कहें, है लकीर टेढ़ी – सी हमारी टूटी कमर के सिवा कुछ और नहीं गया न मर्ज मेरा…"

gumnaam pithoragarhi replied Jun 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-48

657 Jun 28, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"ये जिस्म गम के शज़र के सिवा कुछ और नहीं जहां किसी नश्तर के के सिवा कुछ और नहीं कहीं…"

gumnaam pithoragarhi replied Jun 27, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-48

657 Jun 28, 2014
Reply by Er. Ganesh Jee "Bagi"

"waah khoob sir ji kaafi pasand aai,,,,,,,,,,,,,,,,"

gumnaam pithoragarhi replied Jun 14, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 44

743 Jun 15, 2014
Reply by जितेन्द्र पस्टारिया

"समाज ने बनाये नियम बेटियों को मिले केवल गम टटोलते हो तुम गर्भ जब लगते हो कोई सर्प…"

gumnaam pithoragarhi replied Jun 13, 2014 to "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक - 44

743 Jun 15, 2014
Reply by जितेन्द्र पस्टारिया

"वो हमारी आँखों की अर्जियां समझती हैं है लिखी जो दिल पे वो पोथियाँ समझती हैं सिर्फ झ…"

gumnaam pithoragarhi replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"क्यूँ उमस है तारी सी अब फ़िज़ाओं में हर सू  किसकी ये शरारत है, बदलियाँ समझती हैं   कर…"

gumnaam pithoragarhi replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

"उम्र भर नहीं समझे जिन्दगी अबूझी थी अर्थ आखिरी शायद अर्थियॉं समझती हैंतैर के सतह पर ह…"

gumnaam pithoragarhi replied May 25, 2014 to "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-47

848 May 25, 2014
Reply by अरुण कुमार निगम

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभार आदरणीय"
6 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .मजदूर

दोहा पंचक. . . . मजदूरवक्त  बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ…See More
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सुशील सरना जी मेरे प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
20 hours ago
Sushil Sarna commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"बेहतरीन 👌 प्रस्तुति सर हार्दिक बधाई "
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक मधुर प्रतिक्रिया का दिल से आभार । सहमत एवं…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन आपकी मनोहारी प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी सृजन आपकी स्नेहिल प्रशंसा का दिल से आभारी है सर"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक ..रिश्ते
"आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"आ. भाई आजी तमाम जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post काश कहीं ऐसा हो जाता
"आदरणीय अमन सिन्हा जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर। ना तू मेरे बीन रह पाता…"
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service