धर्मेन्द्र भाई, ओपन बुक्स ऑनलाइन प्रबंधन द्वारा "महीने का सक्रिय सदस्य" (Active Member
of the Month) चुने जाने पर आपको बहुत बहुत शुभकामना, बधाई हो बधाई,
OBO प्रबंधन द्वारा महीने के सक्रिय सदस्य चुने जाने पर बहुत बहुत बधाई.....आशा ही नही पूर्ण विस्वास है की आपका सहयोग हमलोगों को निरंतर इसी प्रकार मिलता रहेगा.....
आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी,
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में
आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य"
(Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करे |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका प्यार इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
आपका
एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
धर्मेन्द्र कुमार सिंह's Comments
Comment Wall (23 comments)
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online
सदस्य कार्यकारिणीमिथिलेश वामनकर said…
आदरणीय बड़े भाई धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी,
ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें...
" जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनायें " आदरणीय धर्मेन्द्र जी
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
स्वागत है धर्मेन्द्र जी
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
सदस्य टीम प्रबंधनSaurabh Pandey said…
भाई धर्मेन्द्रजी,
सरल, सफल, सहज, सुगढ़
सुफल, सुमिल, सुधी
सस्वर.. .
संयत, सुहृद, सुभाव, सशब्द
संभव सदा
सबल-प्रखर.. .
शुभभावना-शुभकामना-सुसंस्मरण संप्रेष्य है !
अनेकानेक बधाइयाँ.
कविता शुचिता शिल्प से, शोभित मित्र कविन्द्र.
जन्मदिवस शुभकामना, भाई जी धर्मेन्द्र.. सादर
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ आदरणीय धर्मेन्द्र सर.........
जन्म दिन की हार्दिक शुभ कामनाए स्वीकारे आदरणीय धर्मेन्द्र कुमार सिंह जी,
प्रभु आपको समाज और देश निर्माण में योगदान देने की शक्ति प्रदान करे | आपका
हमारा स्नेह बना रहे |
DHANYABAAD DHARMENDER JI
KULUVI
09136211486
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
of the Month) चुने जाने पर आपको बहुत बहुत शुभकामना, बधाई हो बधाई,
बहुत बहुत बधाई हो....
CONGRATS DHARMENDRA BHAI.....
सादर अभिवादन,
यह बताते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है कि ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार में
आपकी सक्रियता को देखते हुए OBO प्रबंधन ने आपको "महीने का सक्रिय सदस्य"
(Active Member of the Month) घोषित किया है, बधाई स्वीकार करे |
हम सभी उम्मीद करते है कि आपका प्यार इसी तरह से पूरे OBO परिवार को सदैव मिलता रहेगा |
आपका
एडमिन
ओपन बुक्स ऑनलाइन
ScrapU
मुख्य प्रबंधकEr. Ganesh Jee "Bagi" said…
सदस्य टीम प्रबंधनRana Pratap Singh said…
Welcome to
Open Books Online
Sign Up
or Sign In
कृपया ध्यान दे...
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
6-Download OBO Android App Here
हिन्दी टाइप
देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...
साधन - 1
साधन - 2
Latest Blogs
दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)
कुंडलिया. . . .
ममता का मर्म
लघुकविता
दोहा पंचक. . . . कागज
कुंडलिया ....
दोहा सप्तक. . . विरह
दोहे-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
मन में केवल रामायण हो (,गीत)- लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
दोहा सप्तक. . . विविध
सावन
दोहा पंचक. . . . .शीत
दोहा पंचक. . . . .मतभेद
तिश्नगी हर नगर की बुझा --लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
रोला छंद. . . .
रोला छंद. . . .
तुझे पाना ही बस मेरी चाह नहीं
दोहा पंचक. . . . विविध
कुंडलिया छंद
Latest Activity
मार्गशीर्ष (दोहा अष्टक)
कुंडलिया. . . .
दोहा पंचक. . . . .यथार्थ
'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 162
"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-169
तिश्नगी हर नगर की बुझा --लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
दोहा पंचक. . . . विविध
रोला छंद. . . .
रोला छंद. . . .