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Yaron ne ruswa kiya, Ishk ne gham diya, Imtihanon ne toh kahin ka na chhoda,
tab khuda tera khayal aya , ab teri inayat karta hun mai , ab tujhse guzarish karta hu main, yaron ne toh choda hai , par tune kisko chhoda hai, ab meri fariyad sun le tu, ab beda paar kar de tu, jo beet gaya sab bhul chuka , fir se bigdi bana de tu, ek naya ujala la de tu is duniya se tha har gaya par fir se mujhe utha le tu.

 

na kabhi gujare hain maikhanon se, na kabhi jam ko muh lagaya haii
na kabhi haseenaon ki mehfil se , kisi saki ko jism se lagaya hai,
aye khuda na kabhi kisi ka bura kiya hai, na kisi gareeb ko sataya hai,
fir kyu tune is bande ko aisa din dikhlaya hai

 

 

har taraf shadiyon ki shehnai gunj rahi hai, har taraf khushiyon ki mehfil saj rhi hai, kitni khush hai yeh duniya, kyu par mere dil ko barsat ,dard o gham ki bheega rahi hai, Aii khuda mana khushiyan nhi de sakta mujhe lekin gham ke samandar me khushi ki ek kashti toh de hi sakta hai

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Comment by Rohit Singh Rajput on March 7, 2011 at 11:04pm
mst h yar

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