For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इश्क छुपता नहीं छुपाने से -बैजनाथ शर्मा 'मिंटू'

अरकान – 2122  12  12  22

 

कुछ भी मिलता न सच बताने से |

फिर तो हम क्यों कहें ज़माने से|  

 

कोशिशें लाख हमने की लेकिन,

इश्क छुपता नहीं छुपाने से|

 

कहकहे उनके गूंजते हरज़ा,

हम तो डरते हैं मुस्कुराने से

 

लाख सोचा कि भूल जाऊँ पर,

याद आते हो तुम भुलाने से|

 

मिन्नतें मैंने लाख की लेकिन

क्या मिला मुझको सर झुकाने से

 

या ख़ुदा कुछ न पा सका ‘मिंटू’

रायगाँ ज़िन्दगी गँवाने से |

 

मौलिक व अप्रकाशित 

Views: 622

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 3, 2016 at 6:06pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी साहेब ......आपका परामर्श सर आँखों पे ...........नमन व शुक्रिया आपका |

Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on December 3, 2016 at 6:03pm

आदरणीया निधि जी .............नमन व शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 2, 2016 at 10:24am

आदरणीय बैज नाथ भाई , गज़ल अच्छी हुई है , हार्दिक बधाइयाँ स्वीकार करें । दो एक सुधार , अगर अछा लगे तो स्वीकार करें --

कुछ भी मिलता न सच बताने से |

फिर तो हम क्यों कहें ज़माने से|          --  हम कहें भी  तो क्या  ज़माने से
और -

या ख़ुदा कुछ न पा सका ‘मिंटू’

रायगाँ ज़िन्दगी गँवाने से |    ---   क्या मिला जिन्दगी गवाने से 

Comment by Nidhi Agrawal on November 30, 2016 at 11:42am

सुपर्ब ग़ज़ल हुई आदरणीय बैजनाथ जी .. याद आते हो तुम भुलाने से 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"गजलों खो लेकर एक बात जो कम ही चर्चा में आअती है, वह है उसके मिसरों का गद्यानुरूप होना. अर्थात,…"
7 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
15 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा

.गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा नशा उतार ख़ुदाया नशा उतार मेरा. . बना हुआ हूँ मैं जैसा मैं…See More
40 minutes ago
Mayank Kumar Dwivedi posted a blog post

ग़ज़ल

2122 1122 1122 22आप भी सोचिये और हम भी कि होगा कैसे,,हर किसी के लिए माहौल ये उम्दा कैसे।। क्या…See More
41 minutes ago
Chetan Prakash replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आ. सौरभ जी, क्षमा करें, समस्या के मूल में जाने के बजाय जिम्मेदार लोग  ' बलि का बकरा ढूँढ़…"
46 minutes ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आ. अशोक जी,बहुत सुन्दर छन्द हुआ है ...बधाई स्वीकार करें.एक शंका है...होतीं बेटियाँ की जगह क्या होती…"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - सपने
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक -वाणी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। उत्तम छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय शिज्जू भाई, घनाक्षरी या सवैया जिन्हें उनकी कुल मात्रिकता के कारण वृत्त या दण्डक की श्रेणी का…"
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक रक्ताले सर, जी बेहतर की संभावना तो हर जगह होती है, मगर मेरे कहने का आशय यह नहीं था।…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सादर अभिवादन आदरणीय। मेरा मानना है कि अमित जी को इस संदर्भ में स्वयं अपना पक्ष रखना चाहिए और अपनी…"
8 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service