For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कल हुआ जो वाक़या, अच्छा लगा।

हाथ तेरा थामना अच्छा लगा।

जिस्म तो काँपा जो तूने प्यार से,

कुछ हथेली पर लिखा, अच्छा लगा।

देखकर मशगूल हमको इस कदर,

चाँद  का  मुँह फेरना अच्छा लगा।

घाट रेतीले जलधि के नम हुए,

मछलियों का तैरना अच्छा लगा।

 

आसमाँ में बिजलियों की कौंध में,

बादलों का काफिला अच्छा लगा।

 

नाम ले तूने पुकारा जब मुझे,

वादियों में गूँजना अच्छा लगा।

 

बर्फ में लिपटे पहाड़ों का बहुत,

दूर तक वो सिलसिला अच्छा लगा।   

 

“कल्पना” फिर वो तेरा वादा प्रियम!

उम्र भर के साथ का अच्छा लगा।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 678

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कल्पना रामानी on July 10, 2014 at 6:44pm

आदरणीय सौरभ जी, मंथन तो चलता ही रहता है, आपकी बात ध्यान में रखूँगी, आपका मन से धन्यवाद


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 9, 2014 at 5:50pm

शेर प्रति शेर मन रमता गया. वैसे इस ग़ज़ल को यहीं मत छोड़ियेगा.. समय देते रहियेगा..  अभी जब इतने प्रखर हैं तो यही शेर और प्रभावी हो कर निखरेंगे.

नमन आदरणीया कल्पना जी..

Comment by कल्पना रामानी on July 5, 2014 at 8:44am

बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय गिरिराज जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 5, 2014 at 7:45am
आदरणीया , बहुत बढ़िया लगी आपकी ग़ज़ल , दिली बधाइयाँ ॥
Comment by कल्पना रामानी on July 4, 2014 at 10:59pm

प्रिय गीतिका जी, मंजरी जी,वंदना जी सराहना भरे शब्दों के लिए आप सबका मन से धन्यवाद

Comment by कल्पना रामानी on July 4, 2014 at 10:58pm

आदरणीय नरेंद्र सिंह जी, बहुत धन्यवाद आपका

Comment by कल्पना रामानी on July 4, 2014 at 10:57pm

आदरणीय तिलक राज जी, गजल पर आपकी उपस्थिति से बहुत हर्ष हुआ।  प्रोत्साहित करने के लिए आपका हार्दिक आभार

Comment by कल्पना रामानी on July 4, 2014 at 10:55pm

आदरणीय ब्रह्मचारी  जी, सादर धन्यवाद  

Comment by कल्पना रामानी on July 4, 2014 at 10:54pm

प्रिय राजेश कुमारी जी, अपनत्व भरी टिप्पणी के लिए बहुत धन्यवाद

Comment by कल्पना रामानी on July 4, 2014 at 10:52pm

आदरणीय गोपाल नारायण जी, आपसे गजल की इतनी तारीफ पाकर उत्साह कई गुना बढ़ गया है। आपका हार्दिक आभार

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या उचित न होगा, कि, अगले आयोजन में हम सभी पुनः इसी छंद पर कार्य करें..  आप सभी की अनुमति…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय.  मैं प्रथम पद के अंतिम चरण की ओर इंगित कर रहा था. ..  कभी कहीं…"
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
""किंतु कहूँ एक बात, आदरणीय आपसे, कहीं-कहीं पंक्तियों के अर्थ में दुराव है".... जी!…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"जी जी .. हा हा हा ..  सादर"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"अवश्य आदरणीय.. "
13 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी  प्रयास पर आपकी उपस्थिति और मार्गदर्शन मिला..हार्दिक आभारआपका //जानिए कि रचना…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन।छंदो पर उपस्थिति, स्नेह व मार्गदर्शन के लिए आभार। इस पर पुनः प्रयास…"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। छंदो पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद।"
13 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन।छंदों पर उपस्थिति उत्तसाहवर्धन और सुझाव के लिए आभार। प्रयास रहेगा कि…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"हर्दिक धन्यवाद, आदरणीय.. "
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह वाह ..  दूसरा प्रयास है ये, बढिया अभ्यास है ये, बिम्ब और साधना का सुन्दर बहाव…"
13 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रभाजी हार्दिक धन्यवाद प्रशंसा के लिए | "
14 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service