For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाय जनता 
----------------

प्रतिष्ठान के मालिक ने 

होली मिलन मनाया 
सभासद सांसद सहित  
मेरा भी न्योता आया 
हारे जीते नेता सब आये 
उपलब्धि के  गीत थोथे गाये 
संघर्ष बहुत किया भारी 
तब आयी जीतन की बारी 
विकास क्षेत्र का कर दूंगा 
बदले में वोट केवल  लूँगा 
करतल ध्वनी हुई भारी 
टूटी नयनों की खुमारी 
वादा फिर करते झूठा 
हाय जनता  भ्रम न टूटा 
बार बार तुम छले जाते 
जोड़े रहते तब भी नाते 
प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा 
1-4-2013 
मौलिक / अप्रकाशित 

Views: 396

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 12, 2013 at 6:10pm

स्नेही केवल प्रसाद जीसादर आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 12, 2013 at 6:09pm

आदरणीय गुरुदेव सौरभ सर जी 

आपके हस्ताक्षर मेरी संतुष्टि है.

सादर  आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 12, 2013 at 6:04pm

स्नेही पाठक जी 

सादर आभार 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 12, 2013 at 6:04pm

आदरणीय डॉ अजय जी 

सादर आभार स्नेह हेतु 

Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on April 12, 2013 at 6:02pm

आदरणीया प्राची जी 

स्नेह हेतु सादर आभार 

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 2, 2013 at 6:34pm

आदरणीय, प्रदीप कुमार सिंह कुशवाहा जी, हां! जनता तो ऐसी ही है...‘हाय जनता भ्रम न टूटा
बार बार तुम छले जाते
जोड़े रहते तब भी नाते ‘ सुन्दर रचना। बहुत बहुत बधाई।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on April 2, 2013 at 4:44pm

सामयिक रचना पर हार्दिक बधाई, आदरणीय प्रदीपजी.. .

Comment by ram shiromani pathak on April 2, 2013 at 1:54pm

इस सामयिक गीत के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय प्रदीप कुमार कुशवाहा जी 

Comment by Dr.Ajay Khare on April 2, 2013 at 11:43am

adarniy kushwaha ji vyang teekha v gahra tha badhai


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on April 2, 2013 at 10:52am

आज जनता भोली-भाली तो नहीं, पर तंद्रा में अवश्य है, तभी तो कतिपय नेता जन अपने  उन्हीं पुराने वायदों के खोखलेपन के कई सबूत देने के बाद भी सत्ता में आते रहते हैं..

इस सामयिक गीत के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय प्रदीप कुमार कुशवाहा जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
2 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
19 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
20 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
20 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
22 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
22 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
22 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service