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चाँद से दूर
चाँद का एहसास
चाँद की आस
 
चाँद पर ही
बनाते आशियाना
घर बसाते
 
चाँद से कहें
चांदनी बरसाए
आस दिलाए
 
मन की सोच
चाँद आ जाए ख़ुशी
बरसा जाए
 
मनभावन
सुनहरा सपना
चाँद अपना
 
लगने लगे
चाँद जब अपना
तो क्या कहना
 
खूबसूरत
आसमान में चाँद
घर में हम

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Comment

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Comment by Neelam Upadhyaya on September 28, 2012 at 10:36am
संजय जी, बहुत बहुत धन्यवाद
Comment by Sanjay Rajendraprasad Yadav on September 27, 2012 at 10:29am

"नमस्कार नीलम उपाध्याय जी" (चाँद बाई)

सुन्दर प्रस्तुति आपको बहुत धन्यवाद..............!!!!!

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