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घर घर से आने का होता आह्वान
गली गली बड़े बड़े चित्रों से
सुसज्जित
नीचे लिखे पूजा कर्म विधान
स्थान सुनिश्चित
प्रभु के कामों में न हो व्यवधान
इन सब बातों का रखता है हर एक
पुजारी ध्यान
गलती में कोई खींचे न उनके कान
होती रहे कृपा मिलता रहे धन
धान
बड़े बड़े लाउड स्पीकर से
प्रारम्भ हुआ प्रभु का यशोगान
कुछ निर्धारित समय में बिलम्ब के
बाद
अवतरित हुए
नवनिर्मित अस्थायी मंदिर में
भगवान्
आराधन में नतमस्तक
खड़ी लाखों श्रृद्धालुओं
की भीड़
उन्मुक्त कंठ से हो रहा यशगान
जय हो देव जय हो से
श्रृष्टि का कण कण गुंजायमान
पुजारी बड़ी बड़ी थाल में लिए
खड़े
सुन्दर पुष्पों की दिव्य माला
अर्पित करते यजमान
श्रृद्धालु हाथ जोड़
निवेदन करते समस्याएं
प्रभु हम बाढ़ से पीड़ित हैं
प्रभु हम अकाल से ग्रसित हैं
प्रभु यहाँ तक आने में पसीने छूट गए
मार्ग अवरुद्ध है
प्रभु ज्वलंत समस्या है बिजली
जो जल ही नहीं रही है
अन्धकार छाया हुआ है
प्रभु पढ़े लिखे बेरोजगार घूम रहे हैं
दर बदर की ठोकरें खा रहे हैं
समस्याएं सुरसा होती जा रही हैं
रावण सा आतंकवाद पसरा है
कौरवों सा फैला है भ्रष्टाचार
नहीं होता कोई चमत्कार
बढाता जा रहा है अत्याचार
राहों में अबलाओं से होता है
दुराचार
महामारी सी फैली है समस्याएं
आप तो देख रहे हैं सब
फिर भी ध्रितराष्ट्र से अंधे क्यूँ
बन रहे हैं
विद्रोह के स्वर मुखरित होते हैं
भगवान् ने हाथ जोड़ के कहा
भक्तो हमें कुछ वक़्त दो
इस बार इन समस्याओं का अंत
ही समझो
और भीड़ में स्वार्थी भक्त
फिर से जयकारे लगाने लगे
होने लगा यशोगान
जय हो देव जय हो
उन पर गया भगवान् का ध्यान
देना होगा इन भक्तों को सम्मान
विद्रोहियों ने हमारा किया है
अपमान
उनसे लूँगा बदला मैं हूँ भगवान्
आज का भगवान्
कहा जो वो देव ५ वर्षों में न कर
सके
उसको में १ वर्ष में करके दिखाऊंगा
बस मुझे एक मौक़ा दे दो
मेरी भक्ति कर लो
भक्तो फिर देखो चमत्कार
बंद होंगे सारे अत्याचार
आने तो दो तुम मेरी सरकार
आपस में बातें करते
चाटुकार श्रृद्धालु
ये देव वही हैं
धवल धवल वस्त्रों से सोभित
नव नव श्रृंगारों से सुसज्जित
नित भोगों में लिप्त रहते हुए भी
मन की मुराद पूरी करते हैं
सभी श्रृद्धालु नतमस्तक हो
एक बार फिर
गुंजायमान करते हैं कण कण
जय हो देव जय हो
इंतज़ार करते हैं उस १ वर्षीय वादे
का
जो कभी पूरा नहीं होता
संदीप पटेल "दीप"

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Comment

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Comment by राजेश 'मृदु' on August 19, 2012 at 1:26am

बढि़या भगवान है, वैसे इस भगवान को आप किस संप्रदाय में रखेंगें.......

Comment by seema agrawal on August 18, 2012 at 12:34am

इंतज़ार करते हैं उस १ वर्षीय वादे
का
जो कभी पूरा नहीं होता
संदीप पटेल "दीप"......फिर भी इंतज़ार करते है ...बहुत खूब संदीप जी 

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