For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

लिख डाली थी प्रेम कहानी कभी बड़े अरमानों से.
नहीं क्लेश किंचित था मुझको विस्फोटी सामानों से.
देश व्यथित हो गया आज जब अपनों औ बेगानों से.
टीस उठी तो कलम उठाई निकले तीर कमानों से..

मानवता का ह्रास हो रहा बिका हुश्न बाजारों में.
कर्णधार जो बनकर आये लिप्त हुए व्यभिचारों में.
अरे भान करवा दो इनको डर उपजे गद्दारों में.
अभी चमक बाकी है यारों भारत की तलवारों में..

छले गये हैं बहुत अभी तक अब न कभी छलने देंगें.
जाति-पांति के भेदभाव में देश नहीं जलने देंगें.
शकुनी जैसी कूटनीति की दाल नहीं गलने देंगें,
भले सगाई मृत्यु करे पर श्राप नहीं पलने देंगें..

कलम लिखेगी आज कहानी झाँसी वाली रानी की .
जय होगी घर-घर में केवल वीर व्रती बलिदानी की.
यदि स्वदेश हित काम न आये है सौगंध भवानी की.
भेंट चढ़ा देना ऐ वीरों इस मक्कार जवानी की..


शैलेन्द्र कुमार सिंह "मृदु"




Views: 428

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on August 12, 2012 at 11:01pm

आदरणीय सौरभ सर सादर प्रणाम आपका शुभाशीष मिला मेरी रचनाधर्मिता को बल एवं प्रोत्साहन मिला कोटिशः नमन


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 12, 2012 at 12:45pm

अच्छी कविता बन पड़ी है शैलेन्द्र भाई. बधाई

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on August 11, 2012 at 6:44pm

आदरणीय तिवारी जी आपके इस स्नेहमयी शुभाशीष के लिए कोटिशः नमन अगर हमे युग बदलना है तो हमे अपने मन में ही परिवर्तन लाना होगा , कृति पर विश्वास जताने के लिए पुनः आभार

Comment by ARVIND KUMAR TIWARI on August 11, 2012 at 6:29pm

प्रिय शैलेन्द्र सिंह मृदु जी आपकी इस रचना को और आपको मै नमन करता हूँ क्यूंकि वास्तविकता में आपका यह कृतित्व समाज को एक दिशा दिखायेगा .साधुवाद

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on August 11, 2012 at 6:24pm

आदरणीया रेखा जोशी मैम सादर नमन उत्साह वर्धन के लिए कोटिशः आभार

Comment by Rekha Joshi on August 11, 2012 at 6:10pm


कलम लिखेगी आज कहानी झाँसी वाली रानी की .
जय होगी घर-घर में केवल वीर व्रती बलिदानी की.
यदि स्वदेश हित काम न आये है सौगंध भवानी की.
भेंट चढ़ा देना ऐ वीरों इस मक्कार जवानी की..,जोश दिलाती हुई रचना पर बहुत बहुत बधाई शैलेन्द्र जी 

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on August 11, 2012 at 5:44pm

आदरणीय संदीप कुमार पटेल जी सादर नमन आपकी प्रेरणात्मक प्रतिक्रिया मिली तो उत्साह मिला, उत्साह वर्धन के लिए बहुत बहुत आभार

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on August 11, 2012 at 2:09pm

बहुत सुन्दर भाई जी
इन शानदार पंक्तियों के लिए आपको साधुवाद
लहू में इक उबाल जरुरी है
जो आपकी चाँद पंक्तियाँ बखूबी ला देती हैं
बधाई आपको इस रचना हेतु

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service