For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरा मन और मुस्कान

मेरे भीतर एक आकाश

कई सूर्य ,कई चन्द्र ,कई आकाशगंगाएं

तारों की झिलमिलाहट

उष्णता, शीतलता, धवलता,  कलुषता भी

संवेग, आवेग, आवेश का फैलाव

तो

प्यार, प्रेम, सुख और 

आनंद की लहर भी अंदर

इस आकाश से रूबरू होने की

कोशिश में लगी हूँ

बीत रहा है जीवन दौड़ते भागते

और

जीवन की इस दौड़ में

धीरे-धीरे सब खुल रहे हैं

सामने आ रहे हैं

एक दूसरे पर

हावी भी हो रहे हैं

कौन जीतेगा ?

मैनें मन को कहा

धीरे से,

दुलार से,

बस एक मुस्कान !

पिघल जायेंगें सब

शांत  हो जायेंगें

जीत जाएगा जीवन |

 

--मोहिनी चोरडिया

 

Views: 392

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by mohinichordia on December 28, 2011 at 10:20am

 आप सबका आभार 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 26, 2011 at 1:54pm

जीवन के शाश्वत प्रारूप को समझाती इस अच्छी रचना के लिये बधाइयाँ . 

Comment by LOON KARAN CHHAJER on December 25, 2011 at 5:00pm

आपकी कविता को मे
थार एक्सप्रेस मे प्रकाशित करके हज़ारों पाठकों तक पहुँचने का प्रयास का रहा हूँ . आपको एतराज हो तो सुघित करें.
 lkchhajer@gmail.com

Comment by Abhinav Arun on December 23, 2011 at 8:52am

अपने मनोभावों को बखूबी व्यक्त किया है रचनाकार ने हार्दिक बधाई !!

Comment by Mukesh Kumar Saxena on December 22, 2011 at 2:52pm
man ko na dekha ja sakta hai na suna ja sakata hai magar man me kya 2 chhupa ho sakta hai aap se jana vahut achchha likha hai

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service