For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अलका जी का रंगमंच जिसे आज भारत का आधुनिक रंगमंच के नाम से जाना जाता है वह एक सूट बूट में अन्दर   से धोती कुरता वाला भारतीय है वह कुलबुला रहा है बाहर आने के लिए. सभ्यता और संस्कृति की लड़ाई में संस्कृति दब रही है और जो सभ्य है उन्हें धोती के ऊपर सूट नहीं पसंद वह सीधे सूट को पसंद करेगा और अंग्रेजी नाटक की और जायेगा इसमें उसकी कोई गलती नहीं ह्हिंदी रंगमंच इस का शिकार है . दर्शको से    उसका सम्बन्ध नहीं बन प् रहा है और सिर्फ निमंत्रण पर मित्रो को दिखानेवाली कला बन कर रह गई है . यह है एक पक्ष जो नाटको के चुनाव और उसके प्रस्तुति से सम्बंधित है जो रंगमंच में प्रयोग्य से सम्बंधित है और दर्शको की कमी से सम्बन्ध रखता है .

  दूसरी भाषाओ में यह समस्या नहीं है और वो फल फूल रही है किउकी उनके रंगमंच उनकी भाषा और संस्कृति से जुड़े है ,जो दर्शको को उनसे जोड़ कर रखती है .एक तो हिंदी अपनी संस्कृति बनाते बनाते बिखर गई है ऊपर से यह बोझ. कमजोर कंधे पर नो पसेरी का बोझ सत्य हरिश्चंद्र पर झूठ और दिखावा का महानबोझ कैसे सहा जा सकता है? अलक जी का रंगमंच येह खरा नहीं दिखता उन्होंने येसे रंगमंच का नीव डाला जो है तो अंग्रेजी रंगमंच पर जिसकी भाषा हिंदी है और भाषा हिंदी होने से वोह हिंदी रंगमंच कहलाता है जब की उसकी आत्मा अंग्रेजी है

आगे जरी रहेगा .......................


Views: 275

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी,  हार्दिक धन्यवाद प्रशंसा के लिए | गेयता के संबंध में आप सही हैं| "
19 seconds ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, प्रदत्त चित्र को बहुत शाब्दिक किया है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
4 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रदत्त चित्र को महाकुम्भ से जोड़कर आपने बहुत सुन्दर…"
9 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रभाजी बहुत ही सुन्दर तरीके से हर पद में तुकांतता का ध्यान रखते हुए मनहरण घनाक्षरी की…"
12 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"  जी ! आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, मैंने सायास प्रदत्त चित्र को कुम्भ से जोड़ने…"
18 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत छंद की सराहना के लिए आपका हृदय से आभार. सादर "
25 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
" आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, मेरे प्रस्तुत कवित्त पर कवित्त में प्रतिक्रिया पाना मेरा सौभाग्य…"
26 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"  जी ! सादर प्रणाम. "
30 minutes ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"मनहरण घनाक्षरी   लगता न पल एक, शंख कोई फूँक दे तो, सोते  सनातनियों  को, कभी …"
31 minutes ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाईजी,  चार पंक्ति में ही कुंभ का दृश्य सामने आ गया| हार्दिक बधाई इस प्रस्तुति पर…"
50 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। छंदों पर आपकी उपस्थिति व कमियों को उजागर करने के लिए आभार। इस छंद…"
3 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 163 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण भाईजी  चित्र  पर बहुत कुछ लिख गए | प्रयास सराहनीय है | पर छंद के नियमों का…"
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service