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दिल्ली में गहराता ही जा रहा है मुसीबतों का सम्राज

दिल्ली जो कि दिलवालों कि नगरी कहलाती है उसपर एक के बाद एक मुसीबते टूटती जा रही है.
यहाँ पर गोलीबारी, लूटपाट, चोरी, अपहरण, हत्या जैसी समस्या आम हो  गयी है, जहाँ पर दिल्ली दिलवालों का शहर  हुआ करता था वही आज कल यह गुनाहों का शहर बन गया है.
जहाँ पर लोगो को घर से निकलते भी यह सोचना पड़ता  है कि वो सही सलामत घर आ भी पाएंगे कि नहीं. अगर हम किसी  भी तरह इस मानव निर्मित आपदाओ से  बच भी जाये तो प्राकृतिक आपदा भी हमारा पीछा नहीं छोडती है.
ठीक इसी प्रकार कि घटना ०७/०९/२०११ को घटी पहले तो दिन में आई.टी.ओ. के पास हुए बाम्ब ब्लास्ट ने दिल्ली का दिल दहला दिया और यहाँ के लोगो को आतंकित किये रखा और किसी प्रकार दिन कटा तो रात को प्रकृति ने भी अच्छा मजाक किया भूकंप का अनुभव करा कर .
हालांकि ये झटका काफी कम समय के लिए था परन्तु काफी मजबूत था.इसकी तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर ६.६ आंकी गयी. अगर ये १ मिनट से जायदा का होता तो जान माल कि हानि हो सकती थी.

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