For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Dr.Prachi Singh's Blog – July 2014 Archive (3)

प्रेम की नवल पहेली.... डॉ० प्राची

अचानक ही हो गयीं कुछ पंक्तियाँ....

बदरी के पहलू में

सूरज की अठखेली....

 

सूरज की साज़िश ने

लहरों की बंदिश से बूँद चुराकर,

प्रेम इबारत अम्बर पर लिख दी

सतरंगी पट ओढ़ाकर,

 

बूझ रही फिर भोर

प्रेम की नवल पहेली....

 

आतुर बदरी बेसुध चंचल

लटक मटक नभ मस्तक चूमे,

अंग-अंग सिहरन बिजली सी…

Continue

Added by Dr.Prachi Singh on July 18, 2014 at 7:30pm — 14 Comments

गीतिका छंद पर आधारित एक गीत : रे पथिक अविराम चलना..........(डॉ० प्राची)

रे पथिक अविराम चलना पंथ पर तू श्रेय के

बहुगुणित कर कर्मपथ पर तन्तु सद्निर्मेय के

 

मन डिगाते छद्म लोभन जब खड़े हों सामने

दिग्भ्रमित हो चल न देना लोभनों को थामने

दे क्षणिक सुख फाँसते हों भव-भँवर में कर्म जो

मत उलझना! बस समझना! सन्निहित है मर्म जो  

 

तोड़ना मन-आचरण से बंध भंगुर प्रेय के

रे पथिक अविराम चलना पंथ पर तू श्रेय के

 

श्रेष्ठ हो जो मार्ग राही वो सदा ही पथ्य है

हर घड़ी युतिवत निभाना जो मिला…

Continue

Added by Dr.Prachi Singh on July 9, 2014 at 12:26pm — 24 Comments

दिवास्वप्न... एक पुरानी कविता (डॉ० प्राची)

कभी यूँ भी हुआ है

कि

मन ही मन

उन्हें बुलाया

और वो दौड़े आये हैं...

मीलों के फासलों को झुठलाते,

मुलाकातों की सौगातें लिए,

दबे पाँव

नींदों में....

 

मुमकिन नहीं

जिन बीजों का पनपना भी,

उनकी खुशबू से

ख़्वाबों में महकती हैं

फिजाएं अक्सर....

 

और,

मैं मुस्कुराती हूँ ....

क्योंकि-

दिवास्वप्न

जिनकी मंजिल तक

कोई राह नहीं जाती

शुक्र…

Continue

Added by Dr.Prachi Singh on July 4, 2014 at 5:00pm — 14 Comments

Monthly Archives

2022

2020

2019

2018

2017

2016

2015

2014

2013

2012

1999

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीया ऋचा जी, बहुत धन्यवाद। "
38 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी, बहुत धन्यवाद। "
38 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आप का बहुत धन्यवाद।  "दोज़ख़" वाली टिप्पणी से सहमत हूँ। यूँ सुधार…"
40 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"//दोज़ख़ पुल्लिंग शब्द है//... जी नहीं, 'दोज़ख़' (मुअन्नस) स्त्रीलिंग है।  //जिन्न…"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी, बहतर है।"
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया। आशा है कि…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की  टिप्पणी क़ाबिले ग़ौर…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी नमस्कार बेहतरीन ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये हेर शेर क़ाबिले तारीफ़ हुआ है, फिर भी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी नमस्कार बहुत ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गिरह ख़ूब, अमित जी की टिप्पणी…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service