(1)
जो ग़ालिब थे , मेरे जैसी ही उन पर भी गुज़रती थी,
अगर और जीते वो तो उनको क्या मिला होता....
डुबोया हम दोनों को अपने अपने जैसे होने ने,
वो न होते तो क्या होता , मैं न होती तो क्या…
Added by Sarita Sinha on May 18, 2012 at 2:30pm — 20 Comments
छहः साल का नन्हा सा बच्चा था रोहन, लेकिन बड़ा होशियार.मम्मी पापा सब की आँखों का तारा . पढने में जितना होशियार उतना ही बड़ा खिलाडी.हमेशा कोई न कोई नयी हरकत कर के माँ को चौंका देता था. एक दिन शाम को काफी अँधेरा हो चला लेकिन रोहन खेल कर घर नहीं लौटा. माँ की डर के मारे हालत ख़राब होने लगी. उलटे सीधे विचार मन में आने लगे..बेहाल हो कर ढूंढने निकली तो देखा की जनाब शर्ट को पेट पर आधा मोड़े हुए उस में कोई चीज़ बटोरे लिए चले आ रहे हैं. ख़ुशी…
ContinueAdded by Sarita Sinha on May 8, 2012 at 1:00am — 24 Comments
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