For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Dimple Sharma
  • Female
  • Meghalaya
  • India
Share on Facebook MySpace

Dimple Sharma's Friends

  • अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी
  • Samar kabeer

Dimple Sharma's Groups

 

Dimple Sharma's Page

Latest Activity

Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय विनय जी नमस्ते, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय अनीस अरमान जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और हौसला अफजाई के लिए हृदय तल से आभार आपका आदरणीय।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय Tasdiq Ahmed जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और हौसला अफजाई के लिए बहुत शुक्रिया आपका आदरणीय।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीया रिचा यादव जी नमस्ते, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीया।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह कुशवाहा जी नमस्ते, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय अनीश अरमान जी आदाब, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय, ग़ज़ल का हर शेर उम्दा।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीया राजेश कुमारी जी नमस्ते, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय मुनीश तन्हा जी नमस्ते, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय दण्डपाणि नाहक जी नमस्ते, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय तस्दीक़ अहमद जी आदाब, वाह बहुत ख़ूब ग़ज़ल का हर शेर कमाल, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय अनिल जी नमस्ते, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय,ग़ज़ल का दुसरा, चौथा आख़िरी और गिरह का शेर कमाल हुए हैं आदरणीय विशेष बधाई।"
Dec 26, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय सालिक गणवीर जी नमस्ते, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय,छठा और सातवां शेर कमाल हुए हैं।"
Dec 25, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय नवीन जी नमस्ते, वाह बहुत ख़ूब उम्दा ग़ज़ल हुई आदरणीय हर शेर कमाल, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।"
Dec 25, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय अब्रार अहमद जी आदाब , ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय, चौथा शेर कमाल हुआ है।"
Dec 25, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय लक्ष्मण धामी'मुसाफिर'जी नमस्ते, ख़ूबसूरत ग़ज़ल पर बधाई स्वीकार करें आदरणीय।"
Dec 25, 2020
Dimple Sharma replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-126
"आदरणीय मुनीश तन्हा जी नमस्ते, ग़ज़ल पर आपकी उपस्थिति और हौसला अफजाई के लिए हृदय तल से आभार आपका आदरणीय।"
Dec 25, 2020

Profile Information

Gender
Female
City State
Shillong
Native Place
Shillong
Profession
Poetress
About me
Love writing n cooking

Dimple Sharma's Blog

मेरे ख़त

221 2122 221 2122

ये मामला है दिल का फैला ले पर मेरे ख़त/1

जाना पड़ेगा तुझको उड़कर शहर मेरे ख़त

इस बार लिखना तय था वरना तो जाने कब से/2

आ जा रहे थे ख़्वाबों में उनके घर मेरे ख़त

अनपढ़ गंवार पागल थी इश्क़ क्या ही करती/3

चूल्हा जला रही थी वो फाड़ कर मेरे ख़त

सर्दी की रात थी जब उनको क़मर कहा था/4

उड़ कर के खुद गए थे उनके शहर मेरे ख़त

होठों की लाली होती थी जिन ख़तों पे पहले/5

अब रद्दी बन रहे थे बस उनके घर मेरे ख़त

इनकार लिखना…

Continue

Posted on September 6, 2020 at 3:07pm — 10 Comments

बदल रहा है तेरा शह्र पैरहन मेरा (ग़ज़ल)

1212 1122 1212 22  

बदल रहा है तेरा शह्र पैरहन मेरा/1

ख़ुदारा खैर है बदला नहीं है तन मेरा

तेरा यूँ ख्वाब-ओ-ख्यालों में आना जाना/2

रखेगा कौन बता यार यूँ जतन मेरा

तू लड़ मगर तोड़ मत ये आईना इकलौता/3

जो टूटा कौन निहारेगा फिर बदन मेरा

मुझे ख़बर हुई है तेरे आने की जबसे/4

महक रहा है तेरे ख्याल से बदन मेरा

था खुबसूरत मेरा भी एक आशियाना सुन/5

उजाड़ा है मेरे अपनों ने ही चमन मेरा

जो इन्तजार मेरी मौत का सभी को था/6

तो लो खरीद लिया…

Continue

Posted on September 2, 2020 at 4:00pm — 7 Comments

वक़्त लगता है

221 2121 1221 212

सुन इश्क जादू-टोने में कुछ वक़्त लगता है/1

ये प्यार-व्यार होने में कुछ वक़्त लगता है

मैं चाहती हूँ रोना बड़ी जोर से मगर/2

दिल खोल कर के रोने में कुछ वक़्त लगता है

ये सर्द रातें दर्द बयां करती है मेरा*

अंधेरे कमरें में मैंने पैकर का घर देखा/3

तन्हा अकेले सोने में कुछ वक़्त लगता है

पड़ जाएं हम किसी के यूं ही इश्क़ में कैसे/4

हमको किसी का होने में कुछ वक़्त लगता है

हम तो ज़मीं पे सोते हैं तारों की छांव में/5

समझो…

Continue

Posted on August 18, 2020 at 3:04pm — 7 Comments

दीवार से तस्वीर हटाने के लिए आ

221 1221 1221 122

दीवार से तस्वीर हटाने के लिए आ

झगड़ा है तेरा मुझसे जताने के लिए आ/1

तू वैद्य मुहब्बत का है मैं इश्क़ में घायल

चल ज़ख्म पे मरहम ही लगाने के लिए आ/2

पत्थर हुए जाती हूं मैं पत्थर से भी ज्यादा

तू मोम मुझे फिर से बनाने के लिए आ/3

है आईना टूटा हुआ चहरा न दिखेगा

सूरत तेरी आँखों में दिखाने के लिए आ/4

ये बाज़ी यहाँ इश्क़ की मैं हार के बैठी

तू दर्द भरा गीत ही गाने के लिए आ /5

रुसवाई भी होती है मुहब्बत के सफ़र में…

Continue

Posted on July 21, 2020 at 6:00am — 11 Comments

Comment Wall

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

  • No comments yet!
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"ब्रजेश जी, आप जो कह रहें हैं सब ठीक है।    पर मुद्दा "कृष्ण" या…"
14 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है आदरणीय शुक्ला जी... लाभ एवं हानि का था लक्ष्य उन के प्रेम मेंअस्तु…"
yesterday
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"उचित है आदरणीय अजय जी ,अतिरंजित तो लग रहा है हालाँकि असंभव सा नहीं है....मेरा तात्पर्य कि…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
Sunday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Sunday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service